न्यूयॉर्क में मेयर पद के प्रबल दावेदार जोहरान ममदानी के मस्जिद अत-तकवा में जाने को लेकर अमेरिका में बवाल मच गया है. दरअसल, विवाद का कारण उनका जाना नहीं बल्कि एक मौलवी के साथ उनकी फोटो है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वो 1993 के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बम विस्फोट का सह-षड्यंत्रकारी था.

Continues below advertisement

पिछले सप्ताह 34 वर्षीय भारतीय मूल के ममदानी ने ब्रुकलिन की मस्जिद में शुक्रवार की नमाज अदा की और उन्हें इमाम सिराज वहाज के साथ हाथ में हाथ डाले मुस्कुराते देखा गया. वहाज 1993 के बम विस्फोट में एक अज्ञात सह-षड्यंत्रकारी है, जिसमें 6 लोगों की जान गई थी.

फोटो पर ममदानी ने क्या कहा?

Continues below advertisement

ममदानी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि आज मस्जिद अत-तक्वा में मुझे देश के अग्रणी मुस्लिम नेताओं में से एक और बेड-स्टुय समुदाय के एक स्तंभ इमाम सिराज वहाज से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. इस पर रिपब्लिकन पार्टी के नेता और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क का भी रिएक्शन आया है.

ट्रंप ने बताया शर्मनाक

ममदानी के मुखर आलोचक ट्रंप ने कहा कि यह शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि ममदानी वाला मामला एक बड़ी आपदा की तरह है. यह शर्म की बात है कि वह व्यक्ति उसका समर्थन कर रहा है और उसके साथ बहुत दोस्ताना व्यवहार कर रहा है. आप देख सकते हैं कि दोनों के बीच एक रिश्ता है. उसने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को उड़ा दिया, है ना?.

न्यूयॉर्क की रिपब्लिकन नेता एलिस स्टेफ़ानिक ने ममदानी को जिहादी कहा, जो खुलेआम आतंकवादियों के साथ प्रचार कर रहा है. इस मामले पर सबसे ताजा टिप्पणी एलन मस्क की है, जिन्होंने ममदानी की वहाज से मुलाक़ात पर सिर्फ वाह का रिएक्शन दिया.

कौन हैं सिराज वहाज?

ब्रुकलिन मस्जिद के 75 वर्षीय इमाम सिराज वहाज एक बार फिर सुर्खियों में हैं. हालांकि वहाज पर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हमले का कोई आरोप नहीं है, लेकिन संघीय जांचकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि कुछ आरोपी उनकी मस्जिद में गए थे. हालांकि वहाज ने हमले से किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया है, लेकिन उन्होंने हमले के पीछे के लोगों का बचाव किया है और एफबीआई और सीआईए को ही असली आतंकवादी करार दिया. 

माना जाता है कि वहाज का आतंकवादी नेता शेख उमर अब्देल-रहमान से गहरा संबंध है, जिसे ब्लाइंड शेख के नाम से भी जाना जाता है. रहमान को 1993 के बम विस्फोट की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था. वहाज ने रहमान के पक्ष में गवाही दी है और उसे इस्लाम का एक साहसी और सशक्त प्रचारक बताया. इमाम वहाज समलैंगिकता का विरोध करते हैं और बहुविवाह की वकालत करते हैं.

ये भी पढ़ें

'INS विक्रांत ने पाकिस्तान की रातों की नींद हराम कर दी', दिवाली पर नेवी के जवानों के बीच पहुंचे PM मोदी