नेपाल में सोशल मीडिया बैन और कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ जनरेशन-Z का उग्र प्रदर्शन जारी है. Gen-Z आंदोलन ने नेपाल में तख्तापलट कर दिया है. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया. खबर थी कि राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन यह खबर अफवाह निकली.  हिंसक प्रदर्शन के बीच राष्ट्रपति ने अपील जारी की है. राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने आंदोलनकारी नागरिकों सहित सभी पक्षों से देश की विकट स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत में शामिल होने का आह्वान किया है.

उन्होंने कहा, 'मैं प्रदर्शनकारी नागरिकों सहित सभी से देश की कठिन परिस्थिति को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने में सहयोग करने का आग्रह करता हूं. चूंकि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है, इसलिए देश वर्तमान कठिन परिस्थिति से जल्द ही उबर जाएगा. मुझे विश्वास है कि सभी दल जनता और लोकतंत्र के प्रति प्रेम रखते हुए समस्या के समाधान के लिए सहयोग करेंगे. मैं सभी पक्षों से संयम बरतने, देश में तनाव को और बढ़ने न देने तथा बातचीत में शामिल होने की अपील करता हूं, क्योंकि लोकतंत्र में नागरिकों द्वारा उठाई गई मांगों का समाधान केवल बातचीत और वार्ता के माध्यम से ही हो सकता है, जिसमें सत्तारूढ़ दल के प्रतिनिधियों के माध्यम से भी बातचीत शामिल है.' हिंसक प्रदर्शन में भारी नुकसान, दर्जनों लोग मरे और घायलदेशभर में जारी हिंसक प्रदर्शन ने हालात को और अधिक बिगाड़ दिया है. राजधानी काठमांडू और आसपास के क्षेत्रों में हुई झड़पों और आगजनी में अब तक 22 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 400 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में आग लगा दी, साथ ही प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल और गृहमंत्री के निजी आवास पर भी हमला कर तोड़फोड़ और आगजनी की.

प्रमुख नेताओं पर हमला और बढ़ती हिंसागुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के घर में घुसकर उन्हें बेरहमी से पीटा. वहीं वित्त मंत्री विष्णु पौडेल को काठमांडू में उनके घर के नजदीक दौड़ा-दौड़ाकर मारा गया. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक प्रदर्शनकारी को विष्णु पौडेल के सीने पर लात मारते हुए दिखाया गया है. इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, शेर बहादुर देउबा और संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के निजी आवासों को आग के हवाले कर दिया, जिससे पूरे देश में भय और अराजकता फैल गई है.