China Taiwan Row: ताइवान (Taiwan) और अमेरिका (America) के साथ तनाव के बीच चीन (China) जी-7 समूह (G-7 Group) पर भड़क गया है और उसे खरीखोटी सुना रहा है. जी-7 समूह में अमेरिका के अलावा, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और ब्रिटेन शामिल हैं. चीन के एक राजनयिक और ब्रिटेन में चीन के राजदूत रह चुके लियू श्याओमिंग (Liu Xiaoming) ने कहा है कि सौ से ज्यादा देशों ने अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा (Nancy Pelosi Taiwan Visit) के तुरंत बाद एक चीन नीति के महत्व को बनाए रखने पर जोर दिया है और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के चीन प्रयासों का समर्थन किया है. इतना कहते हुए लियू जी-7 समूह के देशों पर हमलावर हो गए.


लियू ने कहा, ''अगर वास्तव में जी-7 देश ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता की परवाह करते हैं तो उन्हें अमेरिका से चीन के खिलाफ खतरनाक, लापरवाह और गैरजिम्मेदाराना उकसावे के काम नहीं करने के लिए आग्रह करना चाहिए था. पेलोसी की यात्रा के पहले ये देशों गूंगे हो गए और एक शब्द भी नहीं बोला. अब, हालांकि, वे मुखर हो गए हैं और चीन की जायज प्रतिक्रिया पर गैर-जिम्मेदाराना आरोप लगा रहे हैं, यह उनके पाखंड और बदसूरत चेहरे के बारे में सब कुछ बताता है.''


यह भी पढ़ें- PLA War Drill: जापान के प्रधानमंत्री बोले- चीनी मिसाइलें हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और लोगों के लिए गंभीर समस्या


इसलिए जापान पर हमलावर है चीन


बता दें कि जी-7 समूह में जापान भी शामिल हैं. जापान से नाराजगी चलते चीन ने गुरुवार को युद्धाभ्यास के नाम पर जो बैलिस्टिक मिसाइलें लॉन्च की थीं, उनमें से पांच के जापान के इलाके में गिरने का दावा किया जा रहा है. चीनी मिसाइल को लेकर जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा का बयान भी सामने आया है. किशिदा ने कड़ा एतराज जताते हुए कहा है कि चीनी मिसाइलें जापान की राष्ट्रीट सुरक्षा और उसके लोगों को लिए गंभीर समस्या हैं. जापान ताइवान का समर्थन कर रहा है और आज अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ने अपनी एशिया यात्रा के चलते जापान पहुंचकर चीन पर एक बार फिर हमला बोला. उन्होंने कहा कि अमेरिका कभी भी चीन को अनुमति नहीं देगा कि वह ताइवान को अलग-थलग करे.


यह भी पढ़ें- China-Pakistan: ताइवान के बाद अब पाकिस्तान के बलूचिस्तान पर चीन की नजर, मिसाइल बंकर की आड़ में कब्जे की तैयारी?