अमेरिका ने न्यू जर्सी में आठ साल पहले हुए दोहरे हत्याकांड में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारतीय नागरिक नजीर हमीद पर औपचारिक आरोप लगा दिया है और उसके तत्काल प्रत्यर्पण की मांग की है. यह मामला 2016 में 38 वर्षीय टेक्नी ससिकला नर्रा और उनके छह वर्षीय बेटे अनिश नर्रा की उनके अपार्टमेंट में हुई हत्या से जुड़ा है.

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बर्लिंगटन काउंटी प्रॉसिक्यूटर ऑफिस के अनुसार, नजीर हमीद घटना के करीब छह महीने बाद भारत भाग आया था. अमेरिकी जांच एजेंसियों को हत्या के आठ साल बाद उसकी डीएनए रिपोर्ट उसके ऑफिस लैपटॉप से मिली, जिस पर वह चेन्नई में एक मल्टीनेशनल कंपनी के लिए काम करता था.

2024 में मंगवाया गया था हमीद का लैपटॉप

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अमेरिकी कोर्ट के आदेश पर भारत स्थित कंपनी से हमीद का लैपटॉप 2024 में मंगवाया गया. लैपटॉप को न्यू जर्सी स्टेट पुलिस डीएनए लैब भेजा गया, जहां से मिला डीएनए क्राइम सीन पर मिले अज्ञात खून के धब्बे से मैच हुआ. यह खून न पीड़ितों का था, न ही ससिकला के पति हनु नर्रा का. जांच अधिकारियों ने इसे मामले में सबसे मजबूत सबूत बताया है.

बर्लिंगटन काउंटी प्रॉसिक्यूटर ने क्या कहा?

बर्लिंगटन काउंटी प्रॉसिक्यूटर ला-शिया ब्रेडशॉ ने कहा कि अमेरिका और भारत सरकार से अनुरोध किया गया है कि आरोपी को बिना देरी के प्रत्यर्पित किया जाए. रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि जांच के दौरान हमीद ने अपना डीएनए सैंपल देने से इनकार कर दिया था.

हत्या के बाद भारत लौटा नजीर हमीद

जांच एजेंसियों के मुताबिक, नजीर हमीद न्यू जर्सी में हनु नर्रा का सहकर्मी था और उसी अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स में रहता था. उस पर हनु नर्रा का पीछा करने का भी आरोप था. वह हत्या के छह महीने बाद अचानक भारत लौट आया और 2023 तक चेन्नई स्थित कॉग्निजेंट ऑफिस में काम करता रहा. सबपोना जारी होने के बाद उसका लैपटॉप अमेरिकी एजेंसियों को सौंपा गया, जिसके बाद डीएनए मैच सामने आने पर कंपनी ने उसे तुरंत नौकरी से निकाल दिया.

अधिकारियों का कहना है कि हत्या का स्पष्ट कारण अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन डीएनए सबूत और अन्य तथ्यों के आधार पर अमेरिका ने आरोपी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज कर दी है.

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