मुस्लिम देश में मच गया बवाल, मंत्री की डिनर पार्टी में परोसी गई शराब, इस्लाम के नाम पर मांगा गया इस्तीफा
मलेशिया में सरकारी डिनर में मुस्लिम मेहमानों के सामने शराब परोसने के विवाद में पर्यटन मंत्री तियोंग किंग सिंग ने इस्तीफा दे दिया. कट्टरपंथियों ने इसे इस्लाम का अपमान बताया.

मलेशिया में एक सरकारी डिनर में मुस्लिम मेहमानों की मौजूदगी में शराब परोसने के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. देश के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के नेतृत्व वाली सरकार ने कट्टरपंथियों के दबाव में पर्यटन मंत्री तियोंग किंग सिंग को इस्तीफा देना पड़ा.
मलेशिया की आबादी का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा मलय-मुस्लिम समुदाय का है. सरकार आगामी चुनावों में इस समुदाय का समर्थन पाने की कोशिश कर रही है. जबकि मलेशिया में आम तौर पर शराब पर प्रतिबंध नहीं है, इस्लामी देश होने के कारण इसे लेकर सख्त नियम हैं. इससे पहले मलेशिया ने जुमे की नमाज न पढ़ने वालों को जेल भेजने वाला कानून भी लागू किया था, जिससे कट्टरपंथियों का दबाव और बढ़ा है.
मुस्लिम वोटर्स को लुभाने की कोशिश
2022 के आम चुनाव में मलय-मुस्लिम बहुसंख्यक ने अनवर इब्राहिम के बहुसांस्कृतिक गठबंधन को खारिज कर दिया और जातीय-राष्ट्रवादी विपक्षी गुट का समर्थन किया. आलोचकों का कहना है कि इसके बाद अनवर ने कट्टर इस्लामिक मतदाता समूह को खुश करने के लिए कई विवादित फैसले लिए, जैसे पुराने मंदिरों को हटाना और देश में इस्लाम के कट्टरपंथी स्वरूप को बढ़ावा देना.
क्या है नया विवाद
विवाद तियोंग किंग सिंग से जुड़ा है. उन पर आरोप है कि उन्होंने ग्लोबल ट्रैवल मीट 2025 के भव्य रात्रिभोज में शराब परोसने की अनुमति दी, जिससे मलय-संवेदनाओं और इस्लाम का अपमान हुआ. मलेशिया में सरकारी कार्यक्रमों में शराब पर प्रतिबंध है.
तियोंग ने कहा कि यह कार्यक्रम सरकारी नहीं बल्कि निजी क्षेत्र द्वारा आयोजित था और सरकार की ओर से इसमें किसी तरह की अनुमति नहीं दी गई. उन्होंने कहा, "भव्य रात्रिभोज में खाने-पीने की चीजें टूरिज्म मलेशिया के नियंत्रण में नहीं थीं." फिर भी, उनकी सफाई लोगों को मनाने में कामयाब नहीं हुई. सरकार के सहयोगी यूनाइटेड मलय नेशनल ऑर्गनाइज़ेशन (UMNO) ने भी सरकारी कार्यक्रमों में शराब को सामान्य बनाने के खिलाफ चेतावनी दी.
मौलवियों की कड़ी प्रतिक्रिया
UMNO के उलेमा या मौलवी परिषद ने कहा कि मुस्लिम नौकरशाहों को सरकारी समारोहों में खुलेआम शराब पीने से बचना चाहिए. परिषद के मोहम्मद खैरुद्दीन अमन रज़ाली ने कहा, "शराब अस्वास्थ्यकर और इस्लाम के खिलाफ है. मंत्री के कार्य नई पीढ़ी के बीच शराब को सामान्य करने के बहाने बन सकते हैं."
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Source: IOCL
























