लेबर पार्टी की एक स्थानीय नेता को पश्चिम लंदन में आव्रजन कानून का उल्लंघन करने के मामले में 40,000 पाउंड (47 लाख) का जुर्माना लगाया गया है. भारतीय छात्रा को अवैध रूप से आया के रूप में रखने के आरोप में उनके विरुद्ध हुई कार्रवाई के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया गया.

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द डेली टेलीग्राफ की एक खबर के अनुसार पार्षद और पेशे से वकील हिना मीर ने 22 वर्षीय हिमांशी गोंगले को प्रति माह 1,200 पाउंड (1.4 लाख) नकद पर काम पर रखा था, जबकि भारतीय छात्रा के पास ब्रिटेन में काम करने का कोई वैध अधिकार नहीं था. एक अखबार के अनुसार, मीर ने छात्रा का उपनाम रिया रखा और दावा किया कि वह एक सामाजिक आगंतुक थी, जो अक्सर वीडियो गेम खेलने, टीवी देखने और आराम करने और घरेलू काम करने के लिए उसके घर आती थी.

ब्रिटेन के गृह विभाग ने दिया बयान

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हालांकि, ब्रिटेन के गृह विभाग ने अदालत को बताया कि छात्रा उस समय व्यथित लग रही थी, जब उसने पिछले साल अगस्त में मदद के लिए एक पुलिस कार को रोका था. मार्च 2023 में उसका वीजा समाप्त होने के बाद से उसे अवैध रूप से देश में पाया गया और उसने अधिकारियों को बताया कि उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे उसके साथ शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार किया गया. जनवरी में एक आव्रजन फैसले के खिलाफ अपनी अपील हारने के बाद, मीर को 40,000 पाउंड के जुर्माने के साथ-साथ 3,620 पाउंड (4 लाख 34 हजार) की अदालती लागत भी चुकानी होगी.

यह मामला क्यों महत्वपूर्ण है?

यह ब्रिटेन में राजनीतिक हस्तियों की जवाबदेही पर बड़ा सवाल खड़ा करता है. UK में Illegal Working एक आपराधिक अपराध है, जिसमें भारी जुर्माना और सज़ा दोनों हो सकते हैं. भारतीय छात्रों के शोषण के मामलों पर बढ़ती संवेदनशीलता को यह मामला और मजबूती देता है.

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