Joshimath: उत्तराखंड के जोशीमठ को धीरे-धीरे जमीन निगलती जा रही है. सोशल मीडिया पर यहां की तस्वीरें वायरल हैं. जोशीमठ के लोग रोते-बिलखते मदद की गुहार लगा रहे हैं लेकिन प्रकृति के आगे हर कोई बेबस और लाचार नजर आता है. यहां सड़क से लेकर घरों तक में दरारें पड़ रही हैं. ऐसे में सवाल है कि क्या जोशीमठ तबाह हो जाएगा?.सभी की दुआ है कि जल्द प्रकृति रहम फरमाए और लोग सुरक्षित रहें लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया के कई शहर हैं जिनका आज नामों निशान तक नहीं है.

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आज हम आपको ऐसे ही कुछ शहरों के बारे में बताएंगे, जो इससे पहले तबाह हो चुके हैं. 

द्वारिका

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गुजरात राज्य के पश्चिमी सिरे पर समुद्र के किनारे स्थित 4 धामों में से 1 धाम और 7 पवित्र पुरियों में से एक पुरी है द्वारिका, जहां द्वारकाधीश भगवान श्रीकृष्ण की आराधना होती है. द्वारका का इतिहास 10 हजार साल पहले का बताया जाता है. मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने जब इस धरती को छोड़ा तब उनके साथ उनकी नगरी द्वारका और वहां रहने वाले सभी लोग सागर में समा गए. आज भी ये शहर मौजूद हैं पर माना जाता है कि इसका प्राचीन हिस्सा पानी में समा चुका है. 1980 के दौरान वैज्ञानिकों को पानी के नीचे से पिलर, दीवार, पॉटरी आदि प्राप्त हुए थे. भूकंप, सुनाई और मौसम के बदलाव को इसके डूबने का कारण माना जाता है.

मिस्र का थॉनिस हेराक्लियन शहर

थॉनिस हेराक्लियन शहर सैकड़ों साल पहले गायब हो गया था, फिर 1990 और 2000 के दशक में मरीन पुरातत्वविदों ने पूरा का पूरा नया शहर ही खोज लिया था. तब वैज्ञानिकों ने कहा कि समुद्र में गायब हो चुके इस शहर से जो सामान मिले हैं, वो दुर्लभ और हैरान करने वाले हैं. कहा जाता है कि एक समय में ये शहर पोर्ट हुआ करता था पर अब ये 5 मीटर पानी के अंदर है. वैज्ञानिकों का मानना है कि ये 12 ईसा पूर्व के दौरान रहा होगा. वैज्ञानिकों को मूर्तियां, गोल्ड, ब्रॉन्ज, हथियार और अन्य तरह के औजार पानी के नीचे से मिले. शहर के अवशेष में से मंदिर भी प्राप्त हुए थे. 

इजरायल का यह गांव

इजरायल के एटलिट यैम में समुद्र तल से 12 मीटर नीचे 9 हजार साल पुराना एक प्राचीन गांव है. जिसको लेकर कहा जाता है कि ज्वालामुखी फटने और उसके बाद सुनामी आने से ये गांव डूब गया होगा. 1980 में इस गांव की खोज की गई थी. तब 65 इंसानी अंग और लाशें प्राप्त हुई थीं. इसके साथ ही कई ऐसे सबूत मिले थे जो इस गांव के अस्तित्व के बताने के लिए पर्याप्त थे. 

साइफटिंग गांव

नीदरलैंड का साइफटिंग गांव भी बाढ़ में डूबकर तबाह हो गया था. बताया जाता है कि 16वीं सदी में यह गांव डूब गया था. यहां पहले भीषण दलदल हुआ करता था जिसमें लोग खेती किया करते थे लेकिन 1570 में भयंकर बाढ़ आई जिसके बाद ये गांव पूरा का पूरा डूब गया. 

जमायका का पोर्ट रॉयल

17वीं सदी में आये एक भीषण भूकंप ने एक प्रमुख शहर को ही निगल लिया था. जी, हम बात कर रहे हैं जमायका का पोर्ट रॉयल का.1692 में इस शहर में 7.5 तीव्रता का भूकंप आया जिसके बाद ये पूरी तरह तबाह हो गया. एक्सप्लोरर वेब वेबसाइट के अनुसार कुल 50 हजार लोग इस भूकंप में मारे गए थे. जो लोग बच गए , उन्होंने बताया कि शहर का तो तिहाई हिस्सा पानी में समा गया था. 

चीन का शिचेंग

चीन का शहर शिचेंग भी 25वीं एडी में मौजूद था. पर साल 1959 में चीन की सरकार ने तय किया कि हाइड्रॉलिक डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए आर्टिफिशियल झील का निर्माण करे. पर इस इस चक्कर में उन्होंने प्राचीन शहर को ही डुबा दिया. 16वीं सदी में ये शहर प्रमुख सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक जगह की तरह उभरकर निकला था. पानी में कई दीवारें, गेट, आदि देखने को मिल जाते हैं. 

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