US-France Joint Statement: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 9 महीने से युद्ध चल रहा है, लेकिन अब भी कोई पीछे हटने को तैयार नहीं है. रूसी सेना के हमले से यूक्रेन के चमचमाते शहर खंडहरों में तब्दील हो चुके हैं. इसके बाद भी यूक्रेन ने हथियार नहीं डाले. यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ने के कारण पश्चिमी देश रूस से काफी नाराज हो गए हैं. 


अमेरिका सहित तमाम पश्चिमी देश अब रूस को पूरी दुनिया से अलग-थलग करने में जुटे हैं. इस जंग रूस-यूक्रेन जंग पर अमेरिका और फ्रांस का एक साझा बयान सामने आया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने साझा बयान में रूसी हमले की निंदा की है. दोनों नेताओं ने कहा कि यदि पुतिन जंग रोकने के इच्छुक हों, तो हम भी बात करने के लिए तैयार हैं. 


पुतिन के सामने रखी युद्ध रोकने की शर्त


दोनों नेताओं ने व्हाइट हाउस की बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा कि अगर पुतिन युद्ध को समाप्त करने के इच्छुक हैं तो वह रूसी राष्ट्रपति से बात करने के लिए तैयार हैं. बता दें कि जब से पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग शुरू की है, तब से बाइडेन ने उनसे बात करने का विरोध किया है, जबकि मैक्रों ने पुतिन के साथ संचार के रास्ते खुले हुए रखे हैं. 


यूक्रेन के हितों की रक्षा करने का संकल्प


प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बाइडेन ने कहा, 'मैं यह पता लगाने के लिए उनसे बात करने को तैयार हूं कि अब क्या करेंगे.' हालांकि बाइडेन ने कहा कि वह केवल अपने नाटो सहयोगियों के परामर्श से ऐसा करेंगे और ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिससे यूक्रेन के हितों को नुकसान पहुंचे. उन्होंने कहा कि मैं इसे अपने दम पर नहीं करने जा रहा हूं. इस दौरान मैक्रों और बाइडेन ने यूक्रेन में आक्रमण और सेना द्वारा वहां किए गए अत्याचारों के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया.


दूसरी बार अमेरिकी दौरे पर मैक्रों


वहीं मैक्रों ने कहा, 'मैं पुतिन से यूक्रेन पर आक्रमण रोकने और परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा के लिए बात करना जारी रखूंगा.' बता दें कि फ्रांस के राष्ट्रपति बनने के बाद इमैनुएल मैक्रों दूसरी बार अमेरिका की राजकीय यात्रा पर मंगलवार (29 नवंबर) को वाशिंगटन पहुंचे थे और बाइडेन से लंबी बातचीत की थी. इस दौरान दोनों नेताओं ने मानवाधिकारों के सम्मान, चीन की चुनौतियों और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की. 


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