वाशिंगटनः डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी जनता कोविड-19 के साथ जीना नहीं बल्कि मरना सीख रही है और हाल के इतिहास में अमेरिका ने जिन चीजों का सामना किया, इस महामारी के सामने वे छोटी पड़ गयी हैं. उन्होंने कहा कि महामारी के कमजोर पड़ने के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं.


कोरोना वायरस पर नीति को लेकर एक भाषण में उन्होंने कहा कि अब तक 220,000 अमेरिकी लोगों की मौत हो चुकी है जो वैश्विक स्तर पर कुल मौतों का करीब 20 प्रतिशत है. उनका यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अंतिम बहस के एक दिन बाद आया है.


ट्रंप की नीतियों से अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा
बाइडेन ने अपने गृह राज्य डेलावेयर में कोरोना वायरस से निपटने में ट्रंप की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि इससे देश की अर्थव्यवस्था पर घातक प्रभाव पड़ा है.


बाइडेन ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि कोरोना खत्म हो रहा है और अमेरिका की जनता इसके साथ जीना सीख रही है. ये सब बयानबाजी है. जैसा कि मैंने कल रात कहा कि हम इसके साथ जीना नहीं बल्कि मरना सीख रहे हैं. हमारे सामने खतरनाक ठंड का मौसम है.’’


ट्रंप के पास कोरोना से लड़ने का कोई प्लान नहीं
पूर्व उप राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि हाल के इतिहास में अमेरिका ने जिन भी चीजों का सामना किया, इस महामारी के सामने वे सब छोटी पड़ गयी हैं और कोरोना वायरस के कमजोर पड़ने के भी संकेत नहीं मिल रहे हैं. लगभग सभी राज्यों में संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि ट्रंप के पास इससे लड़ने की कोई कार्ययोजना नहीं है और जब तक वे राष्ट्रपति बने रहेंगे, ‘स्थिति और खराब’ होती जाएगी.


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