इजरायल जल्द ही अपनी सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए नया लेजर डिफेंस सिस्टम, आयरन बीम (Iron Beam), तैनात करने जा रहा है. यह सिस्टम रॉकेट, ड्रोन और मोर्टार जैसे खतरों को कम लागत में नष्ट करने में सक्षम होगा. विशेषज्ञ इसे गेमचेंजर बता रहे हैं. इजरायल ने कहा है कि टेस्टिंग पूरी हो चुकी है और इसे इस साल के अंत तक सुरक्षा नेटवर्क में शामिल कर दिया जाएगा.

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आयरन बीम क्या है?आयरन बीम दुनिया का पहला पूरी तरह से चालू हाई-पावर लेजर इंटरसेप्शन प्लेटफॉर्म है. यह इजरायल की अन्य रक्षा प्रणालियों जैसे आयरन डोम, डेविड्स स्लिंग और एरो मिसाइल इंटरसेप्टर के साथ काम करेगा, उन्हें बदलने के लिए नहीं. यह प्रणाली छोटे रॉकेट, ड्रोन और मोर्टार पर फोकस करेगी, जिन्हें अक्सर झुंड में दागा जाता है और पारंपरिक मिसाइल सिस्टम से रोकना महंगा पड़ता है.

आयरन बीम कैसे काम करता है?आयरन बीम फाइबर लेजर तकनीक पर आधारित है. जैसे ही कोई खतरा सामने आता है, यह उसे ट्रैक करता है और कई लेजर किरणों को एक बिंदु पर केंद्रित करता है. चार सेकंड के भीतर यह लक्ष्य को निष्क्रिय कर सकता है. इसकी अधिकतम प्रभावी सीमा लगभग 10 किलोमीटर है. पर्याप्त बिजली आपूर्ति होने पर यह लगातार फायरिंग जारी रख सकता है, जिससे लंबे हमलों के दौरान भी सुरक्षा बनी रहती है.

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क्यों माना जा रहा है गेमचेंजरआयरन बीम पर खर्च होने वाली लागत पारंपरिक मिसाइल इंटरसेप्टर से काफी कम है. जहां मिसाइल इंटरसेप्टर की कीमत 50,000 से 150,000 डॉलर तक होती है, वहीं आयरन बीम शॉट की लागत केवल लगभग 2,000 डॉलर है. यही कारण है कि इसे सुरक्षा क्षेत्र में गेमचेंजर माना जा रहा है.

सिस्टम का इतिहास और परीक्षणआयरन बीम को फरवरी 2014 में पहली बार सिंगापुर एयरशो में पेश किया गया था. इसे कम दूरी वाले खतरों से निपटने के लिए डिजाइन किया गया था. इजरायली रक्षा मंत्रालय ने टेस्टिंग के दौरान इसके शानदार प्रदर्शन की पुष्टि की है और कहा है कि यह रॉकेट और मोर्टार सहित सभी खतरों को सफलतापूर्वक नष्ट कर चुका है. इजरायली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है.