Israel-Iran War: ईरान और इजरायल युद्ध को लेकर सोमवार (16 जून, 2025) को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान इस संघर्ष में जीत नहीं पाएगा. इतना ही नहीं ट्रंप ने अयातुल्ला खामेनेई को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें सीजफायर के लिए बातचीत शुरू कर देनी चाहिए. ऐसा ना हो कि बहुत देर हो जाए. 

कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन में बोलते हुए ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें एक समझौता करना होगा और यह दोनों पक्षों के लिए थोड़ी मुश्किल होगी. मैं कहूंगा कि ईरान यह युद्ध नहीं जीत रहा है और उन्हें बातचीत करनी चाहिए. उन्हें बहुत देर होने से पहले तुरंत बातचीत करनी चाहिए.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी बीच तेहरान ने कथित तौर पर कतर, सऊदी अरब और ओमान से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर दबाव डालने के लिए कहा है कि वे ईरान के साथ तत्काल युद्धविराम पर सहमत होने के लिए इजरायल पर अपने प्रभाव का उपयोग करें. इसके बदले में ईरान परमाणु वार्ता में लचीलापन दिखाने को तैयार है. 

'परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत पर लौटने की इच्छा'

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, मिडिल ईस्ट और यूरोपीय अधिकारियों के अनुसार ईरान ने शत्रुता खत्म करने और अपने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत फिर से शुरू करने की अपनी इच्छा जताई है. ईरान अरब मध्यस्थों के जरिए इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों को संदेश भेज रहा है, जो बातचीत शुरू करने का संकेत है.

इजरायल के हवाई हमलों के बीच तेहरान ने अरब अधिकारियों को बताया है कि वह वार्ता की मेज पर लौटने के लिए तैयार है. अमेरिका युद्ध में भाग न ले. अधिकारियों ने इजरायल को संदेश भी भेजे, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि हिंसा को सीमित और नियंत्रित रखना दोनों पक्षों के हित में है.

ईरानी के जवाबी हमलों से सीमित नुकसान होने के बावजूद इजरायल अपने हमलों को जारी रखने के लिए दृढ़ है. उनका मकसद ईरान के परमाणु बुनियादी ढांचे को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना और ईरानी सत्ता पर धार्मिक शासन की पकड़ को कमजोर करना है.

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