Israel Palestine Attack : हमास के लड़ाकों की ओर से बंधक बनाए गए इजरायलियों की रिहाई को लेकर ईरान ने शर्त रखी है. ईरान के विदेश मंत्री ने कहा है कि हमास बंधक बनाए गए सभी नागरिकों की रिहाई के लिए तैयार है, लेकिन पहले इजरायल में बंद 6000 फिलिस्तीनियों को रिहा किया जाए. गौरतलब है कि हमास ने 7 अक्टूबर के हमले के दौरान इसराइल के 224 लोगों को बंधक बना लिया था.
संयुक्त राष्ट्र में बोलते हुए ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीर अब्दुल्लाहियन ने कहा कि हमास इस शर्त पर बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार है कि पहले इजरायल की जेलों में बंद 6,000 फिलिस्तीनियों को रिहा किया जाए.
ईरानी विदेश मंत्री ने अमेरिका को दी चेतावनी ईरानी विदेश मंत्री ने अपने भाषण में अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इजरायल ने गाजा पट्टी में रॉकेट से हमला बंद नहीं किया, तो अमेरिका इस आग से नहीं बचेगा. अमेरिका को चेतावनी देते हुए होसैन ने कहा, "मैं अमेरिकी राजनेताओं से स्पष्ट रूप से कहता हूं कि हम युद्ध के पक्षधर नहीं हैं, लेकिन अगर गाजा में नरसंहार जारी रहा, तो अमेरिका इस आग से बच नहीं पायेगा."
अब्दुल्लाहियन ने कहा कि ईरान कतर और तुर्किए के साथ महत्वपूर्ण मानवीय प्रयास में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है. उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि 6,000 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई वैश्विक समुदाय की जिम्मेदारी है.
अमेरिकी विदेश मंत्री भी कर चुके हैं पलटवार इससे पहले ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने तेहरान में संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि अगर इजरायल गाजा पट्टी पर हवाई हमले रोक देता है तो हमास करीब 200 बंधकों को रिहा कर सकता है. हालांकि, हमास ने खुद ऐसी किसी पेशकश की बात स्वीकार नहीं की है.
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने संयुक्त राष्ट्र से कहा था कि वह ईरान के साथ संघर्ष नहीं चाहते हैं, लेकिन अगर ईरान या उसके प्रतिनिधि कहीं भी अमेरिकी कर्मियों पर हमला करते हैं तो वाशिंगटन कार्रवाई करेगा.