Iranian Teen Die: ईरान (Iran) पूर्ण रूप से एक इस्लामिक देश है. यहां इस्लामिक नियम और कानून को लेकर सख्ती है, जिसमें हिजाब पहनना बेहद अनिवार्य माना जाता है. ईरान की राजधानी तेहरान में 1 अक्टूबर को मेट्रो में हुए एक घटना में हिजाब न पहने की वजह से पुलिस ने अर्मिता गेरावंद नाम की किशोरी को बुरी तरीके से पीटा. इसके बाद वो कोमा में चली गई और आखिरकार हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गई. AP ने ईरान की स्टेट मीडिया के हवाले से बताया कि शनिवार (28 अक्टूबर) को किशोरी की मौत हो गई.
अर्मिता गेरावंद की मौत तेहरान में कई हफ्तों तक कोमा में रहने के बाद हुई है. इसी बीच पिछले साल हिजाब न पहनने के आरोप में महसा अमिनी को भी पुलिस हिरासत में बुरी तरह से पीटा गया था, जिसकी वजह से उसकी भी मौत हो गई थी. महसा अमिनी की मौत को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन भी हुए थे. अर्मिता गेरावंद को टक्कर मारी गईअर्मिता गेरावंद की एक दोस्त में घटना के बारे जिक्र करते हुए ईरानी राज्य टेलीविजन को बताया था कि उसके सिर को स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर मारा गया. इसके बाद उसके लंगड़ाते हुए शरीर को प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया. इस घटना का वीडियो फुटेज भी काफी वायरल हुआ था, जिसमें उसके मारते हुए दिखाया गया था. हालांकि, इसके बावजूद लड़की के माता-पिता का कहना है कि ब्लड प्रेशर की वजह से वो गिर गई, जिसकी वजह से उसे चोट लग गई, इसके विपरीत कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि गेरावंद को धक्का दिया गया होगा या उस पर हमला किया गया होगा क्योंकि उसने हिजाब नहीं पहना था.
ईरानी नैतिकता पुलिस की हिरासत में मौतईरानी सरकारी मीडिया IRNA ने अपनी रिपोर्ट में चोट से जुड़े किसी भी विवाद का जिक्र नहीं किया. उन्होंने कहा कि पीड़िता के दिमाग में चोट लगने की वजह से उसे कुछ समय कोमा में रहना पड़ा और कुछ मिनट पहले उसकी मृत्यु हो गई. अर्मिता गेरावंद के डॉक्टरों की आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट के बाद वो गिर गईं, जिससे उसके दिमाग में चोट लग गई.
हालांकि, कई लोगों को मानना है कि ऐसा कुछ नहीं था उसे हिजाब न पहनने की वजह से मारा-पीटा गया होगा, जिसकी वजह से उसके दिमाग में चोट लगी और वो कोमा में चली गई. आपको बता दें कि पिछले साल ईरान में गलत तरीके से हिजाब पहनने के आरोप में ईरानी नैतिकता पुलिस की ओर हिरासत में लिए जाने के बाद 16 सितंबर 2022 को महसा अमिनी की एक अस्पताल में मृत्यु हो गई थी. इसके बाद तेहरान में कई महिलाओं ने हिजाब कानून की अवहेलना करते हुए हिजाब न पहनने का फैसला लिया.