ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम दशकों से अंतरराष्ट्रीय विवाद का विषय रहा है, लेकिन हालिया युद्ध और हमलों के बावजूद तेहरान पीछे हटने को तैयार नहीं है. फॉक्स न्यूज को दिए गए साक्षात्कार में ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि यूरेनियम संवर्धन को रोकना राष्ट्रीय गौरव और वैज्ञानिक उपलब्धियों से समझौता करना होगा.
ईरान ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह किसी भी बाहरी दबाव (अमेरिक-इजरायल) में अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को खत्म नहीं करेगा. यह रुख न केवल राजनैतिक है, बल्कि इसमें एक गहरी सांस्कृतिक और वैज्ञानिक भावना भी शामिल है. अराघची ने इसे ईरानी वैज्ञानिकों की मेहनत और उपलब्धियों से जोड़ते हुए इसे 'गौरव का प्रतीक' बताया.
अमेरिकी-इजरायली हमलों के बाद परमाणु प्रतिष्ठानों की हालत13 जून को इजरायल की तरफ से किए गए हमले के बाद ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन का भीषण युद्ध हुआ. इस युद्ध के अंतिम चरण में अमेरिका ने ऑपरेशन मिडनाइट हैमर शुरू किया, जिसमें बी-2 स्पिरिट बॉम्बर्स ने 30,000 पाउंड वजनी GBU-57 बंकर बस्टर बम गिराए. इन बमों का लक्ष्य था ईरान की प्रमुख परमाणु साइट्स, जिसमें फोर्डो फैसिलिटी सबसे महत्वपूर्ण थी. ईरान ने माना कि इन हमलों में उसकी परमाणु सुविधाएं गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुई हैं, लेकिन इसके बावजूद सरकार का कहना है कि संवर्धन जारी रखा जाएगा और इसे फिर से शुरू करने के प्रयास तेज किए जाएंगे.
न्यूक्लियर प्रोग्राम का मकसद क्या है?इजरायल और अमेरिका का दावा है कि ईरान यूरेनियम को उस स्तर तक संवर्धित कर चुका है, जिससे वह जल्द ही परमाणु हथियार बना सकता है. वहीं, तेहरान का कहना है कि उसका न्यूक्लियर प्रोग्राम पूरी तरह से नागरिक उद्देश्यों, जैसे कि ऊर्जा उत्पादन और चिकित्सा अनुसंधान के लिए है, लेकिन यह अंतरराष्ट्रीय संदेह का विषय बना हुआ है. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) कई बार अपनी रिपोर्ट में ईरान के कार्यक्रम पर सवाल उठा चुकी है. फिर भी ईरान अपने स्टैंड पर कायम है और कहता है कि वह किसी की धमकी में नहीं आएगा.
राष्ट्रीय गौरव बनाम अंतरराष्ट्रीय दबावअराघची ने कहा कि यह उन वैज्ञानिकों की मेहनत है, जिन्होंने बिना किसी विदेशी सहयोग के इसे संभव बनाया. दूसरी ओर अमेरिका और उसके सहयोगी इसे पश्चिम एशिया में अस्थिरता का कारण मानते हैं. उनका मानना है कि अगर ईरान परमाणु हथियार बना लेता है तो यह न केवल इजरायल बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए खतरा होगा.
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