भारत से बड़ी संख्या में लोग विदेशों में नौकरी कर रहे हैं. इस बीच रोजी रोटी के लिए विदेश जाने वाले लोगों में आत्महत्या करने की प्रवृति भी बढ़ी है. नौकरी के लिए विदेश जाने वाले 4000 से अधिक लोगों ने पिछले 8 साल में खुदकुशी की है. विदेश मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के मुताबिक 2014 से अब तक दूसरे देशों में भारतीयों द्वारा खुदकुशी के 4,005 मामले सामने आए हैं.
खाड़ी देशों में सबसे ज्यादा भारतीय रोजगार करने के लिए पहुंच तो जरूर रहे हैं लेकिन विदेश मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा खुदकुशी की घटनाएं खाड़ी देशों में हुई है. आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा खुदकुशी की घटनाएं संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से रिपोर्ट की गई है.
2014 से अबतक किस देश में कितने भारतीयों ने की खुदकुशी
| संयुक्त अरब अमीरात | 1122 |
| सऊदी अरब | 1024 |
| कुवैत | 425 |
| ओमान | 351 |
| मलेशिया | 254 |
| बहरीन | 180 |
| कतर | 165 |
| सिंगापुर | 159 |
| इटली | 65 |
| ऑस्ट्रेलिया | 33 |
| कनाडा | 30 |
| अमेरिका | 19 |
| फिलीपींस | 15 |
| नाइजीरिया | 12 |
| श्रीलंका | 11 |
विदेश मंत्रालय का कहना है कि आत्महत्या की अधिकांश घटनाएं कथित तौर पर व्यक्तिगत या फिर पारिवारिक कारणों से हुई हैं. विदेश मंत्रालय का दावा है कि विदेश में काम करने वाले भारतीय कामगरों को प्राथमिकता के तौर पर रखा जाता है. उनकी शिकायतों और परेशानियों का जल्द ही निपटारा करने की कोशिश की जाती है. लोकसभा में सवाल के जवाब में विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि विदेश मंत्रालय और हमारे मिशन पोस्ट भारतीय नागरिकों के कल्याण और कल्याण को उच्च प्राथमिकता देते हैं. विशेष रूप से भारतीय श्रमिकों के, जो प्रवासी भारतीयों का एक बड़ा हिस्सा हैं. भारतीय अधिकारी विदेशों में भारतीयों के सामने आने वाली कठिनाइयों को कम करने और हल करने के लिए सक्रिय रूप से काम करते हैं.
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