US Deportation Program : अमेरिका ने देश में अवैध रूप से रहने वाले प्रवासियों के सामूहिक डिपोर्टेशन की कार्रवाई के तहत 205 भारतीयों को वापस भेजा है. अमेरिका से उन्हें मंगलवार (4 फरवरी) को C-17 अमेरिकी सैन्य विमान से पंजाब के अमृतसर के लिए रवाना किया गया. विमान टेक्सास के सैन एंटोनियो से भारत के लिए रवाना हुआ. वहीं, अमेरिका ने अन्य देशों के प्रवासियों को भी डिपोर्ट करने के लिए चार्टर्ड प्लेन के साथ सैन्य विमानों का भी इस्तेमाल किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन सैन्य विमानों की एक उड़ान पर भारी खर्च बैठता है. आइए आपको बताते हैं कि सैन्य विमान के डिपोर्टेशन उड़ान में कितना खर्च बैठता है और अमेरिका इन विमानों को इस्तेमाल क्यों कर रहा है.

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने दोनों विमानों की तुलनात्मक लागत की गणना की है. रिपोर्ट में बताया गया कि ग्वाटेमाला के लिए हाल ही में एक सैन्य डिपोर्टेशन उड़ान की लागत प्रति व्यक्ति के हिसाब से करीब 4675 डॉलर (चार लाख से ज्यादा भारतीय रुपये) होने की संभावना है. यह लागत अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम इंफोर्समेंट (ICE) की ओर से संचालित कमर्शियल चार्टर फ्लाइट की लागत से भी ज्यादा बताई जा रही है.

अमेरिका की डिपोर्टेशन फ्लाइट की लागत कितनी?

ICE के विषय में रॉयटर्स ने कहा, “कार्यवाहक ICE डायरेक्टर ताए जॉनसन ने अप्रैल 2023 की बजट सुनवाई के दौरान सांसदों को बताया कि 135 लोगों के डिपोर्टेशन उड़ानों की लागत प्रति उड़ान घंटे के हिसाब से 17000 डॉलर है, जो आमौतर पर 5 घंटे की होती है.” रिपोर्ट के मुताबिक, प्रति व्यक्ति के हिसाब से लागत 630 डॉलर की होगी. वहीं, इसी रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि अमेरिकी सैन्य C-17 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान के उड़ान की अनुमानित लागत 28500 डॉलर (करीब 24 लाख 82 हजार रुपये से ज्यादा) प्रति घंटा है.

एक अधिकारी ने सीएनएन को बताया कि सेना ने अब तक इन उड़ानों के खर्च की गणना नहीं की है. वहीं, यूएस डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस ने ऐसी उड़ानों के लिए 2 सी-17 और 2 सी-130ई सैन्य विमान उपलब्ध कराए हैं.

डिपोर्टेशन के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल क्यों?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की ओर से डिपोर्टेशन के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल का संबंध प्रतीकात्मकता से है. क्योंकि ट्रंप ने अक्सर अवैध अप्रवासियों को एलियन और अपराधी कहा है, जिन्होंने अमेरिका पर हमला किया है. सैन्य विमानों के जरिए अमेरिका से अप्रवासियों को वापस भेजा जाना ट्रंप के अप्रवासियों को लेकर सख्ती को दर्शाता है. वहीं, सैन्य विमान में चढ़ते समय अप्रवासियों को हथकड़ी लगाने के पीछे भी इसी कारण की संभावना जताई गई है.

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