इजरायल और हमास के बीच जारी जंग को रोकने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा योजना प्रस्तावित की, जिस पर हमास की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया दी गई है. इस बीच हमास की ओर से इजरायल के सभी बंधकों को रिहा करने पर सहमति जताने और मध्यस्थता वाली वार्ताओं में शामिल होने की तैयारी को लेकर जो संकेत दिए गए हैं, उस भारत के विदेश मामलों के विशेषज्ञ ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से बहुत अच्छी खबर है कि हमास ने इस समझौते के लिए हामी भरी है, लेकिन इसके साथ एक शर्त भी जुड़ी है.

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हमास को लेकर क्या बोले विदेश मामलों के विशेषज्ञ?

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए विदेश मामलों के विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव ने कहा, ‘यह निश्चित रूप से एक बहुत की उत्साहजनक खबर है कि हमास ने स्थिति को ध्यान में रखते हुए अमेरिका के गाजा योजना के प्रस्ताव के लिए अपनी हामी भरी है, लेकिन इसके साथ एक शर्त भी जुड़ी हुई है. वो यह है कि हमास यह नहीं कह रहा है कि वह तुरंत ही इजरायल के सभी बंधकों को रिहा कर देगा. उसका कहना है कि वह बंधकों की रिहाई को लेकर बातचीत शुरू करेगा. इसलिए इस प्रक्रिया में देरी और रुकावटें भी आ सकती हैं, लेकिन फिर भी यह इस समय के हिसाब से एक बेहद सकारात्मक कदम है.’

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उन्होंने आगे कहा, ‘यह पूरी प्रक्रिया जितनी जल्दी आगे बढ़ेगी, उतनी ही जल्दी गाजा के लोगों के दुख और तकलीफ में कमी होगी. गाजा के भीतर लोगों तक भोजन और सहायता सामग्री पहुंच सकेगी और यह पूरी मानवता के लिए बेहतर होगा.’

लंबे वक्त से जारी है इजरायल और हमास की जंग

इजरायल और हमास के बीच हो रही इस जंग को जल्द ही दो साल पूरे हो जाएंगे. 7 अक्टूबर, 2023 को हमास ने इजरायल पर बड़े हमले को अंजाम दिया था. इस दौरान हमास ने इजरायल के करीब 250 लोगों को अगवा कर उन्हें बंधक बना लिया था. हालांकि, कई स्तर की वार्ता के बीच हमास और इजरायल दोनों ओर से बंधकों को रिहा किया गया. लेकिन हमास की गिरफ्त में अभी भी कई लोग बंधक के तौर पर हैं. जिनकी रिहाई और इजरायल-हमास के बीच हो रही जंग को खत्म करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा योजना प्रस्तावित किया है.

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