चीन ने गुरुवार (09 अक्टूबर, 2025) को पांच साल के अंतराल के बाद भारत के साथ सीधी उड़ानें बहाल किए जाने को सकारात्मक कदम करार दिया. चीन ने कहा कि इससे पता चलता है कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बनी सहमति पर ईमानदारी से काम कर रहे हैं.
चीन के आठ दिवसीय राष्ट्रीय अवकाश के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने पहली प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि उड़ानें अक्टूबर के अंत तक दोबारा शुरू हो जाएंगी. भारत ने दो अक्टूबर को घोषणा की थी कि चीन के लिए सीधी उड़ानें 26 अक्टूबर से फिर से शुरू होंगी.
'भारत और चीन ईमानदारी से कर रहे काम'
गुओ ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘यह नवीनतम कदम दर्शाता है कि किस प्रकार दोनों देश 31 अगस्त को तियानजिन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बनी महत्वपूर्ण आम समझ पर ईमानदारी से काम कर रहे हैं.’
मोदी और जिनपिंग ने तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात की थी और अक्टूबर 2024 में रूस के कजान में अपनी पिछली बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक और लगातार हो रही प्रगति का स्वागत किया था.
'अच्छा पड़ोसी और साझेदार बनने के लिए चीन तैयार'
गुओ ने कहा कि चीन, भारत के साथ मिलकर द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में देखने और प्रबंधित करने और अच्छे पड़ोसी और साझेदार बनने के लिए तैयार है, जो एक-दूसरे की सफलता के लिए सहयोग करें. उन्होंने दोनों देशों के लोगों और समग्र एशिया के लिए शांति, समृद्धि और बेहतर परिणाम प्राप्त करने में चीन और भारत की साझा जिम्मेदारियों पर जोर देते हुए ‘ड्रैगन और हाथी के सहयोगात्मक संबंध’ के रूपक का प्रयोग किया.
भारत और चीन के बीच उड़ान सेवाएं फिर से शुरू
एयर चाइना जैसी चीन की विमानन कंपनियां पहले दोनों देशों के बीच उड़ानें संचालित करती थीं, लेकिन उन्होंने अब तक उड़ानें दोबारा शुरू करने की योजना की औपचारिक घोषणा नहीं की है. सूत्रों ने बताया कि भारतीय विमानन कंपनी इंडिगो और चाइना ईस्टर्न, दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने वाली पहली दो विमानन कंपनी होंगी.
इंडिगो ने एक बयान में कहा था कि वह 26 अक्टूबर से कोलकाता से गुआंगझोउ के लिए दैनिक उड़ानें संचालित करने की योजना बना रही है. दोनों देशों के बीच उड़ान सेवाओं को 2020 में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर निलंबित कर दिया गया था. पूर्वी लद्दाख में चार साल से अधिक समय तक जारी सीमा गतिरोध के मद्देनजर उन्हें बहाल नहीं किया गया था.
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