India Latest News: भारत ने चीन को जमकर फटकार लगाई है. यही नहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में देश की स्थायी दूत रुचिरा कंबोज ने यूएफसी मॉडल को भी बकवास करार दिया है. कंबोज के मुताबिक यूएफसी मॉडल की वजह से ही संयुक्त राष्ट्र की स्थायी सीट में कोई बदलाव नहीं हो पा रहा है. उनके मुताबिक यूएफसी में शामिल 12 सदस्यों और 2 पर्यवेक्षक संयुक्त राष्ट्र में मौजूद अधिकांश देशों के विचारों से सहमत नहीं हैं.


18 मार्च को आईजीएन बैठक के दौरान भारतीय दूत ने कहा अफ्रीका जहां करीब 54 देश हैं वह लगातार संयुक्त राष्ट्र की दोनों श्रेणियों में सुधार करने की आवाज उठा रहा है. ये सही नहीं है. जब वह खुद सुधार करने की मांग कर रहे हैं तो उनका फैसला उनके आधार पर होना चाहिए. मैं यूएफसी में शामिल लोगों से पूछती हूं कि अफ्रीका और दूसरे देशों को स्थायी श्रेणी में प्रतिनिधित्व करने का मौका क्यों नहीं मिला चाहिए? 


बता दें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का गठन 1945 में हुआ था. उसके बाद से लगातार इसमें सुधार करने की मांग उठ रही है. गठन के बाद से संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों में विस्तार हुआ है, लेकिन इसका मूल ढांचा जस का तस है. 


लोकतांत्रिक देशों की लिस्ट में अहम स्थान रखने वाले भारत को भी इसमें जगह नहीं मिली है. यही वजह है कि संयुक्त राष्ट्र में सुधारों को लेकर भारत, ब्राजील, जापान और जर्मनी ने एक गुट बनाया है. इस गुट का नाम जी-4 है. 


वहीं जी-4 देशों के विरोध में यूनाइटिंग फॉर कंसेंसस (यूएफसी) ने भी एक गुट बनाया है. इस गुट में तुर्की, पाकिस्तान, कनाडा, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया, इटली और अर्जेंटीना जैसे देश शामिल हैं. चीन यूएफसी में सुपरवाइजर की भूमिका में है. 


यूएफसी गुट का एकमात्र लक्ष्य जी-4 देशों की ओर से पेश किए गए विचारों का विरोध करना है. यहां चीन और पाकिस्तान खासकर भारतीय विचारों पर अपना अड़ंगा लगाते हैं. 


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