नयी दिल्ली: अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा कि भारत, चीन, अमेरिका और रूस को क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ अपनी ‘असली लड़ाई’ के लिए हाथ मिलाना चाहिए और अमेरिका में सत्ता संभालने जा रहे डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन को पाकिस्तान के प्रति अमेरिका की मौजूदा नीति को बदलकर इस खतरे से निपटने में अपना संकल्प दिखाना चाहिए.


उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान की फिर से मज़बूत होने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को दोषी ठहराते हुए कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों की गहराई से समीक्षा करनी चाहिए और क्षेत्र में आतंकवाद और चरमपंथ को शिकस्त देने के लिए भारत जैसे देशों का साथ देना चाहिए. करजई ने यहां तीन दिनों के रायसीना डॉयलॉग के अंतिम सत्र में विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर के साथ बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की.

वहीं अकबर ने आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक वैश्विक कार्रवाई का आह्वान करते हुए जोर दिया और कहा कि भारत की जमीन के एक भी इंच से समझौता नहीं किया जाएगा. उन्होंने आतंकवाद और दूसरी चुनौतियों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि भारत ‘युद्ध नहीं’ ‘खुशहाली’ चाहता है लेकिन वह इस समस्या से लड़ने को लेकर स्पष्ट और प्रतिबद्ध है.