बांग्लादेश में युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या और हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की मॉब लिंचिंग के बाद हालात तेजी से बिगड़े हैं. इन घटनाओं ने न केवल देश के भीतर व्यापक विरोध-प्रदर्शन को जन्म दिया, बल्कि भारत-बांग्लादेश संबंधों को भी एक और कूटनीतिक संकट में डाल दिया है. इस तनावपूर्ण स्थिति का असर ढाका से दिल्ली तक दिख रहा है. वीजा सेवाएं निलंबित हैं, दूतावासों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता बढ़ी है. बांग्लादेश में हालिया अशांति से जुड़ी बड़ी बातें:
शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद बिगड़ी स्थितिढाका में युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की गोली मारकर हत्या के बाद देशभर में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए. हादी पिछले साल के जुलाई महीने में हुए प्रदर्शनों के प्रमुख चेहरों में से थे. उनकी मौत ने राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया. हादी की हत्या के बाद भारत-विरोधी नारेबाजी और प्रदर्शन तेज हुए, जिसके चलते बांग्लादेश सरकार ने भारत में वीजा सेवाएं निलंबित कर दीं.
दीपू चंद्र दास की मॉब लिंचिंग से आक्रोशमयमनसिंह में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की कथित ईशनिंदा के आरोप में भीड़ द्वारा हत्या ने अल्पसंख्यक समुदाय में आक्रोश फैला दिया. इसे धार्मिक कट्टरता और प्रशासनिक निष्क्रियता का उदाहरण बताया गया. ढाका में हिंदू संगठनों का प्रदर्शनहिंदू धार्मिक संगठनों और अल्पसंख्यक अधिकार समूहों ने ढाका के नेशनल प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दीपू दास को झूठे आरोपों में मार दिया गया. भारत ने बांग्लादेश के राजदूत को तलब कर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, दूतावासों पर खतरे और 'भ्रामक नैरेटिव' पर कड़ी आपत्ति जताई.
अमेरिका ने यूनुस से की बातअमेरिकी विशेष दूत सर्जियो गोर ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से फोन पर हालिया घटनाओं पर चर्चा की. इस दौरान यूनुस ने 12 फरवरी को आम चुनाव कराने की प्रतिबद्धता दोहराई.
चुनाव को लेकर यूनुस का दावा यूनुस ने कहा कि अंतरिम सरकार निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन उन्होंने अवामी लीग समर्थकों पर चुनाव में बाधा डालने का आरोप भी लगाया. शरीफ हादी के संगठन ‘इंकलाब मंच’ ने 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए न्याय न मिलने पर जनआंदोलन की चेतावनी दी. संगठन ने अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की जांच की मांग की.
मीडिया संस्थानों पर हमले और लोकतांत्रिक छवि को नुकसानप्रदर्शनकारियों ने प्रथम आलो और द डेली स्टार समेत कई मीडिया दफ्तरों पर हमला किया. प्रथम आलो को 27 साल में पहली बार प्रिंट एडिशन रोकना पड़ा. यूनुस ने इन हमलों की निंदा की. इसके अलावा हादी की हत्या के कुछ दिनों बाद छात्र आंदोलन से जुड़े नेता मोतालेब सिकदर को हाल ही में खुलना में गोली मार दी गई, जिससे लक्षित हिंसा की आशंकाएं और बढ़ गईं. सुरक्षा कारणों से वीजा सेवाएं स्थगितइससे पहले नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश हाई कमीशन ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए वीजा और कांसुलर सेवाएं अस्थायी रूप से रोकने का ऐलान किया था. यह फैसला ऐसे समय लिया गया है जब भारत ने बांग्लादेश में अपने वीजा आवेदन केंद्र बंद कर दिए थे. उस्मान हादी की हत्या के बाद भड़की हिंसा में इन केंद्रों को भीड़ ने निशाना बनाया था.
शेख हसीना का बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर आरोपबांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने संकेत दिए हैं कि हालात बिगड़ने पर वह भारत में अपने राजनयिक मिशनों की उपस्थिति की समीक्षा कर सकती है. वहीं, भारत ने साफ किया है कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता को लेकर सतर्क रहेगा. वहीं अपदस्थ पीएम शेख हसीना ने यूनुस सरकार पर चरमपंथियों को बढ़ावा देने और भारत से संबंध बिगाड़ने का आरोप लगाया है.