Unicorn Antenna: भारत और जापान के बीच बड़ा रक्षा उपकरणों की खरीद को लेकर बड़ा समझौता हुआ है. इस मसले को लेकर नई दिल्ली में 20 अगस्त को मंत्रिस्तरीय 2+2 की तीसरी बैठक हुई थी. इस समझौते के तहत भारत अपनी नौसेना के लिए जापान से एक कम्युनिकेशन सिस्टम खरीदेगा. जापान में बने इस एंटिना को यूनिकॉर्न कहा जाता है, जिसका पूरा नाम 'यूनिफाइड कॉम्प्लेक्स रेडियो एंटिना' है. दोनों देशों की तरफ से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि चारों मंत्रियों ने यूनिकॉर्न और संबंधित उपकरणों को लेकर हस्तांतरण और समझौता हस्ताक्षर की दिशा में अच्छी प्रगति की है. 

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जापान की तीन कंपनियों एनईसी कॉर्पोरेशन, संपा कोग्यो के.के. और योकोहामा रबर कंपनी लिमिटेड ने मिलकर यूनिकॉर्न को विकसित किया है. इसमें मुख्य ठेकेदार एनईसी कॉर्पोरेशन रहा है. यूनिकॉर्न 'नोरा-50 वेरिएंट' को मौजूदा समय में मोगामी-श्रेणी के फ्रिगेट पर तैनात किया गया है. योकोहामा रबर की वेबसाइट पर यूनिकॉर्न से जुड़ी जानकारी साझा की गई है, जिसमें बताया गया है कि यूनिकॉर्न को स्टेल्थ बनाने के लिए डेक पर पहले से लगे कई एरियल एंटिना को एक सपोर्ट कॉलम में फिट किया गया है. बेहतरीन स्टेल्थ और अच्छे लोकेशन पर यूनिकॉर्न की तैनाती की वजह से इससे निकलने वाली रेडियो तरंगे अधिक दूर तक जा सकती हैं. वहीं इसका मेंटिनेंस और तैनात करने का तरीका भी सरल है. 

जापानी यूनिकॉर्न में क्या-क्या विशेषताएंयूनिकॉर्न में ऐसी कई विशेषताएं हैं, जो उसे खास बनाती हैं. इस एंटिना में लिंक 16 नाम का नेटवर्क है, जो नाटो और पश्चिमी देशों द्वारा प्रयोग किया जाने वाला सामरिक डेटा नेटवर्क लिंक है. इसके अंदर टैक्टिकल एयर नेविगेशन सिस्टम भी है, जो जहाज की दिशा और जहाज से उड़ान भरने वाले हेलीकॉप्टरों की दूरी का पता लगाता है और सटीक जानकारी मुहैया कराता है. इसके साथ ही इसमें एक IFF एंटिना लगा है, जो अपने मित्र और शत्रु की पहचान करता है. यूनिकॉर्न में  ESM या ES-R सिस्टम भी है, जो अपनी तरफ आने वाली जहाजों का पता लगाता है. इसमें UHF/VHF ट्रांसमीटिंग/रीसिविंग एंटेना सिस्टम भी है, वायरलेस संचार को मुहैया कराता है, इसका इस्तेमाल कम दूरी के संचार के लिए किया जाता है.  यूनिकॉर्न में ORQ-2B-4 ऑफशोर वायरलेस राउटर भी शामिल है. यह एक तरह का वाई-फाई बैंड है, जो सोनार द्वारा पहचान करने पर सूचना देने का काम करता है. 

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