विश्व स्तर पर और भारत में आत्महत्याओं से मरने वालों की संख्या हत्याओं के मामलों से बेहद अधिक है. देश की सरकारें हत्याओं की संख्या को कम करने की कोशिश में पैसा और समय खर्च करती हैं लेकिन जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वो चौंकाने वाले हैं. आत्महत्या से मरने वालों की संख्या हत्या के मामलों की संख्या से कई गुना बनकर सामने आयी है. 


ये आंकड़ा प्रत्येक 5 मिलियन से अधिक आबादी वाले 113 देशों के सर्वे से सामने आयी है. लैटिन अमेरिका वो जगह रही जहां हत्या की दर आत्महत्या दर से ज्यादा है. बात अगर भारत की करें तो देश में आत्महत्या के आंकड़े की संख्या हत्या के आंकड़े से ज्यादा है. हालांकि बिहार एकलौता ऐसा शहर है जहां हत्याओं का आंकड़ा आत्महत्याओं से ज्यादा है. 


देखें ये आंकड़े...


जापान में हत्याओं के मामलों से आत्महत्या की दर 57 गुना ज्यादा है. जापान एकलौता ऐसा देश है सर्वे में जिसके आंकड़े में इतना बड़ा गैप देखने को मिला है.


अमेरिका में हत्या की दर से आत्महत्याओं की दर दो गुना ज्यादा है.  


भारत में आत्महत्या की दर हत्या की दर से पांच गुना ज्यादा है.


आत्महत्याओं का ये आंकड़ा साफ इस बात को दर्शात है कि लोग मानसिक तनाव से ज्यादा गुजर रहे हैं जिस कारण उन्हें आत्महत्या ही एकलौता हल दिखता है.  


यह भी पढ़ें.


PM की कुर्सी बनी पाकिस्तान की पनौती, इतिहास में आज तक कोई 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया