न्यूयॉर्क: ह्यूमन राइट्स ग्रुप ने भारत में मानवाधिकार की स्थिति पर चिंता जताई है. इसमें कानून हाथ में लेकर काम करने वाले गुटों के नेतृत्व में अल्पसंख्यकों पर हमले जैसी कई बातें शामिल हैं. एनजीओ को विदेशी फंड रोके जाने के साथ ही सरकारी नीतियों को लेकर आलोचनात्मक मीडिया और नागरिक समाज समूहों पर दबाव को लेकर भी चिंता जतायी गई है. हालांकि, ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने अपनी ‘वर्ल्ड रिपोर्ट 2017’ में आर्थिक रूप से हाशिए पर रहने वालों के लोगों को आर्थिक रूप से बाकियों के साथ लाने और स्वच्छता बढ़ाने के लिए व्यापक अभियान को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार के कदमों की सराहना की. इसमें कहा गया कि सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी के समर्थक होने का दावा कर अपने हाथ में कानून लेने वाले गुटों द्वारा धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों और प्रताड़ना को रोकने में नाकाम रहा है. ह्यूमन राइट्स वाच की दक्षिण एशिया निदेशक मीनाक्षी गांगुली ने कहा, ‘‘नागरिक समाज समूहों पर भारत की कार्रवाई से देश में जन आंदोलनों की समृद्ध परंपरा को खतरा पैदा हुआ है.’’