Tehran Retaliation on US Strikes in Iran: ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हाल ही में एयर स्ट्राइक कर दी. अमेरिका ने ईरानी परमाणु साइटों पर हमला करने के लिए बी-2 बॉम्बर विमानों को तैनात किया और उन पर 30 हजार टन के एक दर्जन बंकर बस्टर बम गिराए. अमेरिका ने दावा किया इस हमले से ईरान के परमाणु प्रोग्राम को बड़ा झटका लगा है. अब देखना यह है ईरान अमेरिका की ओर से हुए इस हमले का बदला कैसे लेता है.

ईरान ने अपने घरेलू और क्षेत्रीय स्तर पर मल्टी-टियर्ड सैन्य क्षमताओं को विकसित करने में दशकों तक काम किया है, जिसका विशेष तौर पर एक प्रमुख उद्देश्य अमेरिका की ओर से होने वाले किसी भी संभावित हमले को रोकना था. हालांकि, इजरायल के साथ जारी संघर्ष के बीच अब अमेरिका भी यहूदी देश के साथ शामिल हो गया है, ऐसे में ईरान अपने विकसित किए हुए सैन्य क्षमताओं का पूरी तरह से अमेरिका के खिलाफ इस्तेमाल कर सकता है.

अमेरिकी हमले के जवाब में क्या हो सकती है ईरान की प्रतिक्रिया

  • स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करना

अमेरिकी कार्रवाई के बाद ईरान स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद कर सकता है. यह पर्सियन गल्फ का एक छोटा रास्ता है, जिसके जरिए दुनिया का 20 प्रतिशत तेल और गैस व्यापार होता है. यह 33 किमी चौड़ाई वाला एक संकरा रास्ता है. अगर ईरान इस रास्ते को बंद करता है तो इसका असर दुनियाभर की इकोनॉमी पर पड़ेगा. तेल सहित कई अन्य चीजों के दामों में काफी ज्यादा बढ़ोत्तरी हो जाएगी. हाल ही में ईरानी संसद ने स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने के फैसले को मंजूरी दे दी है. लेकिन, अभी यह फैसला अंतिम मंजूरी के लिए सुरक्षा परिषद के पास भेजा गया है.

  • इलाके में अमेरिका ठिकानों और उसके सहयोगियों पर हमले

अमेरिका के हजारों की संख्या में सैनिक कुवैत, बहरीन, कतर और UAE में स्थित स्थायी सैन्य ठिकानों पर तैनात हैं, जो ईरान के बेहद करीब हैं. ये इजरायल के मुकाबले ईरान पर जल्द हमला करने में सक्षम हैं. ऐसे में ईरान अमेरिकी सैन्य ठिकानों और उसके सहयोगी देशों के प्रमुख तेल और गैस फेसिलिटीज को अपना निशाना बना सकता है. ऐसे करने के अमेरिका में तेल की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हो सकती है.

  • अपने स्थानीय सहयोगियों को एक्टिव करना

ईरान के एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस में कई स्थानीय मिलिटेंट ग्रुप्स शामिल हैं. हालांकि, इस ग्रुप में शामिल फिलिस्तीनी हमास, इस्लामिक जिहाद और हिजबुल्लाह जैसे विद्रोही समूह अपने पिछले संघर्ष के कारण इस वक्त काफी कमजोर हो चुके हैं, लेकिन फिर भी ईरान के पास हूती विद्रोहियों और इराक की ईरान के समर्थन वाली मिलिशिया का ऑप्शन अभी है. यह दोनों अमेरिका और उसके अन्य सहयोगियों पर मिसाइल और ड्रोन हमले करने की भी क्षमता रखते हैं.

  • अपने परमाणु प्रोग्राम को और तेजी से बढ़ाना

ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले के बाद इसमें नुकसान की व्यापक जानकारी सामने आने में काफी समय लग सकता है. ऐसे में वास्तव में कितना नुकसान हुआ है इस बात का दावा करना जल्दबाजी हो सकती है. वहीं, एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका या इजरायल के हमले ईरान की परमाणु हथियार बनाने की क्षमता को कुछ वक्त के लिए धीमा कर सकते है, उसे पूरी तरह से खत्म नहीं कर सकते हैं.

वहीं. दूसरी तरफ ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों को पूरे देश में कई अंडरग्राउंड फेसिलिटीज में फैला चुका है. जहां से वह अपने परमाणु हथियार बनाने के प्रोग्राम को और तेजी से पूरी कर सकता है.