कनाडा में एक कॉमेडियन को एक दशक पहले का अभिनय भारी पड़ गया है. उसने अपने अभिनय के दौरान एक दिव्यांग युवा सिंगर का मजाक उड़ाया था. लेकिन अब ये मजाक का मामला देश की सबसे बड़ी अदालत में पहुंच गया है. जेरेमी गैब्रिएल का जन्म ट्रेचर कोलिन्स सिंड्रोम (टीसीएस) के साथ हुआ था. ये एक अनुवांशिक बीमारी है जो चेहरे की हड्डियों को प्रभावित कर सकती है और गैब्रिएल के मामले में गंभीर बहरापन की वजह बनी थी. इसके बावजूद उसने अपने कम उम्र में सिंगर बनने के सपने को पूरा किया. उसकी वजह से पैतृक प्रांत क्यूबिक में उसकी लोकप्रियता बढ़ गई.


दिव्यांग पर कॉमेडियन को मजाक पड़ा भारी


2010 में क्यूबिक के एक अन्य कॉमेडियन माइक वार्ड ने 90 मिनट का स्टैंड-अप शो किया. उनकी पहचान तीखे चुटकुलों की वजह से होती है. नस्ल और धर्म पर चुभते मुद्दों के साथ उन्होंने मशहूर हस्तियों को भी निशाना बनाया. उन्होंने उन्हें कई वजहों से 'पवित्र गाय' बताया. उनके मुताबिक ऐसे लोग धन, ताकत के चलते मजाक से सुरक्षित समझे जाते हैं. उस शो के नतीजे पिछले एक दशक से क्यूबिक में पड़ते रहे हैं और उसकी वजह माइक वार्ड का जेरेमी गैब्रिएल से संबंधित मजाक है. अब उस मामले पर अदालत में बहस होगी.


एक दशक पहले का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट


माइक वार्ड और जेरेमी ग्रैबिएल की कानूनी जंग मीडिया का मुद्दा भी बन चुकी है. कॉमेडी शो में ये बताया गया था कि सिंगर शायद किसी खतरनाक बीमारी से पीड़ित हैं. कॉमेडियन ने गैब्रिएल के हंसने के अंदाज पर कहा था, "मुझे नहीं मालूम कि मजाक पर मैं कितना दूर जा सकता हूं. एक पल के लिए मैंने खुद से कहा कि मैं बहुत दूर निकल गया हूं, हंसना बंद कर देंगे. लेकिन नहीं, आप लोग तो हंस रहे हैं." माइक वार्ड ने सिंगर की शारीरिक बनावट और बीमारी का भी मजाक उड़ाया था.


गैब्रिएल ने 2010 में पहली बार अपने बारे में मजाक को सुना. उसक वक्त उसकी उम्र 13 साल की थी और हाई स्कूल जाना शुरू किया था. पहले से सताए माइक वार्ड की कॉमेडी ने आग में घी का काम किया. अब 24 वर्ष के हो चुके सिंगर कहते हैं, " वार्ड के मजाक को सुने बिना मेरा एक दिन भी नहीं गुजरता है." उसके दिव्यांग होने की वजह से उसे निशाना बनाया गया और खुद को अलग-थलग करने लगा. यहां तक कि खुदकुशी के विचार भी आने लगे. मामला उस वक्त खराब हो गया, जब सिंगर की तुलना कोकीन के नशेड़ी से की गई.