दुनिया में शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जो “ब्रूस ली” के बारे में नहीं जानता होगा. 90 के दशक में हर घर के बच्चों का सुपरस्टार कहलाने वाला मार्शल आर्ट किंग और फिल्म अभिनेता ब्रूस ली की 32 साल की कम उम्र में मौत हो गई थी. हालांकि 32 साल की उम्र में ही इस शख्स ने दुनिया में वो मुकाम हासिल कर लिया जिसे पाने में कइयों की पूरी जिंदगी बीत जाती है.  


आज से 49 साल पहले जिस वक्त ब्रूस ली की मौत हुई उस वक्त वह मार्शल आर्ट और अदाकारी में कामयाबी की नई इबारत लिख रहे थे. मौत के वक्त वह अपनी कुंग फू स्कूल और शूटिंग में व्यस्त थे. साल 1973 के जुलाई महीने में जब उनकी मौत हुई उस वक्त वो न तो बीमार थे और ना ही उन्हें किसी तरह की तकलीफ थी. अचानक उनकी तबीयत ख़राब हुई और उन्होंने करोड़ों फैन्स और इस दुनिया को अलविदा कह दिया.




ब्रूस ली की मौत की गुत्थी सुलझी


उनकी अचानक मौत को लेकर कई कहानियां मशहूर है. कुछ लोगों का मानना था कि ब्रूस ली हत्या चीन के गैंगस्टर्स ने की थी, तो कुछ का मानना था कि उनकी मौत के पीछे उनकी पूर्व प्रेमिका का हाथ था. कहा गया कि ब्रूस ली की पुरानी प्रेमिका ने उन्हें जहर दे दिया था. उनके मौत के कारण में एक कारण लू लगने को भी माना जाता रहा है. इन सब अफवाहों के बीच ब्रूस ली के मौत की असली वजह इतने सालों बाद भी गुत्थी ही रही था लेकिन अब 49 साल बाद ये पहली सुलझती नजर आ रही है.


दरअसल हाल ही में हुए एक रिसर्च के अनुसार वैज्ञानिकों ने दावा किया कि ब्रूस ली की मौत का कारण कोई बीमारी नहीं बल्कि उनकी जान ज्यादा पानी पीने से गई थी. अध्ययन के मुताबिक ज्यादा मात्रा में पानी पीने, कुछ दवाएं खाने और शराब पीने के कारण उनका शरीर हाइपोनेट्रेमिया का शिकार हो गया था. हाइपोनेट्रेमिया की स्थिति में शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ जाने से खून में इसकी मात्रा असंतुलित हो जाती है. 


शोधकर्ताओं का तर्क है कि ब्रूस ली अपनी डाइट में ज्यादा लिक्विड की चीजें लेते थे और उस लिक्विड डाइट या प्रोटीन डाइट में मारिजुआना यानी गांजा मिलाकर पीते थे. मारिजुआना के कारण उनकी प्यास और बढ़ जाती थी और वह ज्यादा पानी का सेवन करते थे. इसके अलावा वह शराब और कई तरह के पेन किलर भी लेते थे जिसके कारण उनकी किडनी डैमेज हो गई थी. 




डाइट में लेते थे लिक्विड


ब्रूस ली अपनी डाइट में ज्यादा लिक्विड लेते थे इसके बारे में उन पर लिखी एक पुस्तक में भी यह उल्लेख किया गया है. उन पर लिखी उस किताब में यह भी कहा गया है कि जिस दिन उनकी मौत हुई, उस दिन वह बार-बार पानी पी रहे थे. इसके अलावा न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार ब्रूस ली की पत्नी लिंडा ली कैडवेल ने भी अपने एक साक्षात्कार में उनके "गाजर और सेब के रस" के लिक्विड आहार के बारे में बताया था. 


ब्रूस ली को दुनिया से अलविदा कहे आज पूरे 49 साल हो गए हैं. लेकिन मौत के इतने सालों बाद भी उनकी प्रसिद्धी कम नहीं हुई है. आज भी जब मार्शल आर्ट की बात आती है तो ब्रूस ली को जरूर याद किया जाता है.


साल 2013 में उन्हें याद करते हुए हॉगकॉग के एचके हेरिटेज म्यूजियम उनकी याद में प्रदर्शनी शुरू की गई थी. यह प्रदर्शनी पांच साल तक चली. इस दौरान ब्रूस ली से जुड़ी 600 चीजें प्रदर्शित की जाती थी. 


पिता के याद में 2012 में बनाई डॉक्यूमेंट्री 


इसके अलावा साल 2012 में अपने पिता को याद करते हुए ब्रूस ली की बेटी शैनन ली ने उन पर एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई है. इस डॉक्यूमेंट्री का नाम है ‘आई एम ब्रूस ली’ और इसमें उन्हें मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स (एमएमए) का जनक बताया गया है.


ब्रूस ली के बेटी ने इस डॉक्यूमेंट्री को रिलीज करते वक्त बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि, “मेरे पिता मार्शल आर्ट के परिपूर्ण लड़ाका होने, इससे दर्शन को जोड़ने और इसे सिखाने के बारे में अपने विचारों को बेलौस तरीके से रखते थे.


हो सकता है कि उनसे पहले भी कुछ लोगों ने मार्शल आर्ट की एक या दो शैलियों को आपस में मिलाने के बारे में सोचा हो लेकिन उसे आम लोगों तक ले जाने का काम वास्तव में मेरे पिता ने किया.”




ब्रूस ली को क्यों कहा जाता था मार्शल आर्ट का जनक 


ब्रूस ली का जन्म 27 नवम्बर 1940 को चीनी सैन फ्रांसिस्को के चायना-टाऊन में स्थित चीनी अस्पताल में हुआ था. उन्हें इतिहास के सबसे खतरनाक और सबसे बेहतरीन मार्शल आर्टिस्ट कहा जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि उन्हें मार्शल आर्ट सीखना ही क्यों चुना. दरअसल इसके पीछे भी कहनी है. 


ब्रूस ली का बचपन हॉगकॉग में बीता. अपने बचपन में ही खेलते वक्त वह दूसरे बच्चे की पिटाई कर दिया करते थे. जिससे नाराज उनके दोस्तों ने कुछ मित्रों को मिलाकर एक ग्रुप बना लिया और हर रोज ब्रूस ली को पीटने लगे.


रोज रोज पीटे जाने और चोटिल होकर घर आने से परेशान उनकी मां ने एक दिन ब्रूस ली को महान मार्शल आर्टिस्ट इप मान के पास उन्हें ट्रेनिंग लेने भेज दिया. उन्होंने ही ब्रूस ली की इस प्रतिभा को पहचाना और उन्हें मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग दी. 


ट्रेनिंग खत्म होने के बाद उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका भेज दिया गया. वहां ब्रूस ली ने 18 साल की उम्र में पहली बार  कुंग फू सिखाना शुरू किया. कुंग फू से जो पैसे आते थे उसकी मदद से उन्होंने अपने विश्वविद्यालय की पढ़ाई पूरी की. हालांकि उनका अमेरिकी लोगों को कुंग-फू सिखाना वहां रहने वाले चीनी लोगों को पसंद नहीं आया. अमेरिका में रहने वाले चीनियों का कहना था कि गैर चीनियों को मार्शल आर्ट सिखाना अपराध है.




वोंग जैक-मान को हराया 


क्योंकि ब्रूस ली गैर चीनियों को कुंग फू सिखा रहे थे इसलिए उस जमाने के जाने माने चानी अमेरिकी लड़ाके वोंग जैक-मान ने उन्हें चुनौती दी. ब्रूस ली ने भी उनकी ये चुनौती मानी और दोनों के बीच मुकाबला शुरू हो गया. कहा जाता है कि ब्रूस ली की रफ्तार इतनी तेज थी कि उन्होंने  डेढ़-दो मिनट में ही वोंग जैक-मान को हरा दिया. 


ब्रूस ली की रफ्तार का अंदाजा उस वक्त अंदाजा लगाया गया जब साल 1962 में एक फाइट के दौरान अपने विपक्षी पर एक के बाद एक ताबड़तोड़ 15 पंच और एक किक जड़ दिए. यह कारनामा ब्रूस ली ने महज 11 सेंकेड के अंदर किया था.


कहा जाता है कि उनकी रफ्तार इतनी तेज होती थी कि एक फिल्म की शूटिंग करते वक्त शूट को 34 फ्रेम धीरे करना पड़ता था. ताकि दर्शकों को ऐसा ना लगे कि पर्दे पर मार्शल आर्ट कर रहा शश्क सिर्फ एक्टिंग कर रहे हैं. 




फिल्मी करियर 


ब्रूस ली ने अपनी 32 साल की जिंदगी में बहुत ख्याति पा ली थी. ऐसे तो उनकी सभी फिल्में बेहतरीन थीं लेकिन उनकी खास फिल्मों के नाम 'द गुड एंड द ओवियस, द बिग बॉस, फिस्ट ऑफ फ्यूरी, वे ऑफ ड्रैगन और इंटर द ड्रैगन है.  उन्होंने केवल 18 साल की उम्र में 20 से ज्यादा फिल्मों मे काम किया था. 


ब्रूस ली की मार्शल आर्ट के बारे में बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में उनकी बेटी शैनॉन कहती हैं, "उन्होंने अपने जीवन में मार्शल आर्ट की अपनी अलग कला विकसित की. वे इसे जीत कुन डो कहते थे.


वे खुद को अभिनेता या लेखक से पहले हमेशा एक मार्शल आर्टिस्ट मानते थे. उन्होंने अपनी कला में सादगी, सरलता और स्वतंत्रता को सर्वोपरि माना. पुराने और पारंपरिक तरीकों से स्वतंत्रता ही उनकी कला का आधार था."


बीबीसी के मुताबिक मौत के पांच दशक बाद भी ब्रूस ली का नाम एक साल में 50 लाख डॉलर का कारोबार करता है. हालांकि आज के दौर के दूसरे सितारों के मुकाबले में ये रकम कम लग सकती है लेकिन शख्स जिसने 49 साल पहले दुनिया को अलविदा कह दिया है उन्हें आज भी याद किया जाना किसी की जिंदगी की सबसे बड़ी उपलब्धि है.