Israel-Hamas War: इजरायली हमले में गाजा में अबतक 46 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और वहां की इमारतें ध्वस्त हो चुकी हैं. अब जाकर हमास के टॉप लीडर अपनी नींद से जागे हैं और उन्होंने 7 अक्टूबर को इजरायल पर किए गए हमले को अपनी गलती माना है. हमास के विदेश मामलों के चीफ मूसा अबू मारजूक ने कतर में कहा कि अगर उन्हें पता होता कि इस हमले के ऐसे परिणाम होंगे तो वो कभी ऐसा नहीं करते.
मूसा अबू मारजूक ने कहा कि मैंने कभी इस हमले का समर्थन नहीं किया था. इजरायल पर हमले का परिणाम ये हुआ कि गाजा की इमारतें तबाह हो गईं और हजारों मासूमों की जान चली गई. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि गाजा में 70 फीसदी इमारतें तबाह हो चुकी हैं और 20 लाख फिलिस्तीनियों को स्थानांतरित होना पड़ा है.
19 जनवरी से जारी है सीजफायर
बता दें कि 19 जनवरी से इजरायल और हमास के बीच सीजफायर लागू है और दोनों ओर से बंधकों और कैदियों की रिहाई की जा रही है. हालांकि इजरायल ने गाजा पट्टी से रिहा किए गए बंधकों के साथ 'अपमानजनक व्यवहार' को लेकर 22 फरवरी को निर्धारित फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई नहीं की.
इजरायल ने 600 कैदियों की रिहाई रोकी
इजरायल का कहना है कि 600 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई को तब तक स्थगित किया जा रहा है, जबतक कि अगले बंधकों की रिहाई सुनिश्चित नहीं हो जाती है. इसके अलावा बंधकों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने की भी शर्त रखी है. हमास ने शनिवार (21 फरवरी) को छह इजरायली बंधकों को रिहा किया था.
सीजफायर में किन देशों ने निभाई मध्यस्थता?
इजरायल और हमास के बीच बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के लिए समझौता हुआ था. इस समझौते के मध्यस्थ कतर, मिस्र और अमेरिका हैं, जिन्होंने काहिरा में एक समन्वय केंद्र स्थापित किया है. इजरायल-हमास युद्ध के बीच ये दूसरा सीजफायर है. इससे पहले नवंबर 2023 में सीजफायर हुआ था, जोकि सिर्फ छह दिनों तक चला था.
हमास ने 7 अक्टूबर को किया था हमला
हमास ने इजरायल पर 7 अक्टूबर, 2023 को हमला किया था, जिसमें 1200 से ज्यादा इजरायलियों की मौत हो गई थी, जबकि हमास के लड़ाकों ने 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया था.