Lancet Journal: मशहूर मेडिकल जर्नल द लैंसेट का दावा- ठीक हुए कोरोना मरीजों में 2 साल बाद भी मिले लक्षण
Corona Symptom after 2 years: मशहूर मेडिकल जर्नल लैंसेट ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि कोरोना से ठीक हुए मरीजों में 2 साल बाद भी कोरोना को कोई एक लक्षण पाया गया है और ये परेशान करने वाला है.
Covid Survivors: दुनिया में सबसे मशहूर जर्नल लैंसेट ने दावा किया कि ठीक हुए मरीजों में दो साल बाद भी कोरोना के संक्रमण पाए गए हैं. कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती हुए आधे मरीजों में दो साल बाद भी कम से कम एक लक्षण पाया गया है. द लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन ने एक अध्ययन में कहा है कि सबूत बताते हैं कि कोरोना से उबर चुके मरीजों के कई अंगों पर इसका दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा है.
अध्ययन में लैंसेट ने आगे कहा है कि प्रारंभिक रोग की गंभीरता के बावजूद कोरोना के मरीजों के स्वास्थ्य में शारीरिक और मानसिक सुधार हुआ है. 2 साल के भीतर ही ये मरीज अपने-अपने काम पर लौट आए लेकिन इनमें लक्षण ऊंचे स्तर पर पाए गए. इन 2 सालों में सामान्य आबादी की तुलना में कोरोना से बचे हुए लोगों की स्वास्थ्य स्थिति उल्लेखनीय रूप से कम थी. शोध में निकाले गए निष्कर्षों से पता चला है कि कोरोना के महामारी के जोखिम को कम करने के लिए लंबे कोविड रोगजनन तलाशने और प्रभावी हस्तक्षेप करने की जरूरत है.
तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता
कहा जा रहा है कि तीव्र संक्रमण के बाद कोरोना लगातार 2 साल की लंबी अवधि तक रह सकता है. जो दर्शाता है कि इसके लिए बेहतर और तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है. लैंसेट ने कहा है कि कोरोना के प्रभाव को कम करने करने के लिए भविष्य में अध्ययन से रोगजनन का पता लगाना चाहिए और बेहतर रणनीति के साथ आगे बढ़ना चाहिए. बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो कोरोना बीमारी से अब तक उबर चुके हैं लेकिन उसके बाद भी इन लोगों में कोरोना के लक्षण रहना गहरी चिंता व्यक्त करते हैं, जो चिकित्सा और सामाजिक-आर्थिक बोझ को बढ़ा सकते हैं.
लंबे समय तक दिखता है असर
हाल ही में ब्रिटेन ने अप्रैल के महीने में कहा था कि कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती हुए 4 में एक भी मरीज इस बीमारी से एक साल बाद भी उबर नहीं पाया है, जो दर्शाता है कि कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों में इस बीमारी का असर लंबे वक्त तक रहेगा. कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीजों में थकान, माशपेशियों में दर्द, खराब नींद और सांस फूलना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, जो दर्शाता है कि इन मरीजों में कोरोना का लक्षण लंबे समय तक रहने वाला है और प्रभावी उपचार के बिना ये बीमारी दीर्घकालिक स्थिति पैदा कर सकता है.
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