फ्रांस भयंकर राजनीतिक संकट से गुजर रहा है. देश के नए प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने नए कैबिनेट की नियुक्ति के कुछ ही घंटों बाद इस्तीफा दे दिया. रॉयटर्स ने बीएफएम टीवी के हवाले से बताया कि सेबेस्टियन ने अचानक फैसला लेकर चौंका दिया. वे राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के करीब भी माने जाते हैं.

Continues below advertisement

राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के कार्यालय ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने सोमवार (6 अक्तूबर) को सरकार गठन के कुछ ही घंटों बाद इस्तीफा दे दिया है. 27 दिनों के कार्यकाल के बाद लेकोर्नू के इस्तीफे ने उन्हें हाल के फ्रांसीसी इतिहास में सबसे कम समय पद पर रहने वाला प्रधानमंत्री बना दिया है.

चार हफ्ते पहले ही प्रधानमंत्री नियुक्त हुए थे लेकोर्नू

Continues below advertisement

मैक्रों ने उन्हें चार हफ्ते पहले ही नियुक्त किया था और रविवार (5 अक्तूबर) शाम को लेकोर्नू ने अपने मंत्रिमंडल का गठन किया था, जो लगभग पूर्व प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू के मंत्रिमंडल जैसा ही था, लेकिन तुरंत ही मतभेद स्पष्ट हो गए, सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर कई दलों के सदस्यों ने बदलाव की कमी की आलोचना व्यक्त की थी.

इस बीच, दक्षिणपंथी रैसम्बलमेंट नेशनल (आरएन) के अध्यक्ष जॉर्डन बार्डेला ने जल्दी चुनावों का अपील की है. उन्होंने कहा, "चुनावों और असेंबली नेशनले को भंग किए बिना स्थिरता नहीं आ सकती."

राष्ट्रपति मैक्रों के इस्तीफे की किसने की मांग

स्थानीय मीडिया के मुताबिक वामपंथी ला फ्रांस इनसोमिसे (एलएफआई) पार्टी के नेता जीन-ल्यूक मेलेंचन ने मैक्रों को पद से हटाने के लिए एक प्रस्ताव पेश करने की मांग की है. एलएफआई की एक प्रमुख सदस्य मथिल्डे पैनोट ने लेकोर्नू के इस्तीफे के बाद मैक्रों के इस्तीफे की मांग की. उन्होंने एक्स पोस्ट में कहा, "उलटी गिनती शुरू हो गई है. मैक्रों को जाना ही होगा."

सितंबर की शुरुआत में, मैक्रों ने गहराते राजनीतिक संकट को कम करने के लिए ही लेकोर्नू को अपने राष्ट्रपति कार्यकाल का सातवां प्रधानमंत्री नियुक्त किया था. फ्रांसीसी राजनीति तब से उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है. लेकोर्नू से पहले पूर्व पीएम बायरू और मिशेल बार्नियर बजट को लेकर काफी सवालों के घेरे में आए थे.

इनपुट - आईएएनएस