पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर पाकिस्तान में हल्ला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब उनकी पार्टी के एक नेता ने इमरान खान की जेल में हालत पर चिंता जताई है. खैबर पख्तूनख्वा से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के सीनेटर खुर्रम जीशान ने न्यूज एजेंसी (ANI) से बातचीत में कहा, 'उन्हें लगभग एक महीने से पूरी तरह आइसोलेशन में रखा गया है. उनके परिवार, वकीलों या पार्टी के सीनियर नेताओं से कोई बातचीत नहीं हो पा रही है.'
जीशान ने कहा, यह साफ तौर पर ह्यूमन राइट्स का उल्लंघन है. अधिकारी लगातार उनपर शर्तें मानने का दबाव बना रहे हैं.
'हमें उनके जिंदा होने का भरोसा दिलाया है'
शान ने बताया कि हमें कुछ दिनों में भरोसा दिलाया गया है कि वह जिंदा हैं, और अदियाल जेल में बंद हैं. वह ठीक हैं. उन्होंने साथ ही सरकार और आर्मी की तरफ से रखी गई शर्तों का भी जिक्र किया है. वह इमरान के साथ एक डील करने की कोशिश कर रहे हैं. उनसे देश छोड़ने के लिए कह रहे हैं. उन्हें देश छोड़कर अपनी पसंद की जगह पर रहने के लिए छूट मिलने का दावा किया गया है. लेकिन इमरान इसके लिए राजी नहीं है. वह जिस तरह के नेता हैं, इन शर्तों को कभी कबूल नहीं करेंगे.
आखिर कुछ वक्त से पाकिस्तान में क्या हो रहा?
दरअसल, इस हफ्ते कुछ सोशल मीडिया हैंडल से दावा किया गया कि इमरान को मार दिया गया. ये अफवाहें तब आईं, जब पाकिस्तानी ने कोर्ट के आदेश को भी नजरंदाज कर परिवार और वकील से इमरान की मुलाकात करने की इजाजत नहीं दी.
जीशान ने कहा कि यह बहुत बुरा है. उन्हें आइसोलेशन में रखा गया है. उनके परिवार और उनके वकीलों और पार्टी के सीनियर नेता से मिलने नहीं दिया गया है. खान साहब इतने पॉपुलर हैं, कि उनकी एक तस्वीर से देश की सियासत का सीन बदल सकता है. पाकिस्तानी शासन खतरा महसूस कर रहा है. यह रोक जानबूझकर लगाई गई है. इमरान को दुनिया से अलग रखने की कोशिश है.
जिशान ने कहा, कि जिस दिन से जेल हुई है, एक तस्वीर, रिकॉर्ड वॉयस क्लिप या वीडियो बाहर नहीं आने दिया गया है. कोर्ट की सुनवाई के दौरान भी कैमरे पर रोक लगी हुई है. हर जगह सख्त पाबंदियां है.
परिवार क्या कह रहा है?
इस पूरे मामले पर इमरान खान के परिवार से भी प्रतिक्रिया आई है. उनके बेटे कासिम खाने के पब्लिक अपील करते हुए कहा है कि 73 साल के नेता को हफ्तों से कैद में रखा हुआ है. इसमें परिवार की कोई पहुंच नहीं है. अधिकारियों की तरफ से पारदर्शिता नहीं है. इधर, पीटीआई और उनके परिवार की तरफ से इसे अघोषित ब्लैकआउट करार दिया गया है.
कासिम खान ने सोशल मीडिया की पोस्ट में लिखा, 'पिता को 845 दिनों से हिरासत में रखा गया है. पिछले छह हफ्तों से उन्हें डेथ सेल में अकेले कैद में रखा गया है. कोर्ट के आदेशों के बावजूद अधिकारी सभी मुलाकातों से इनकार कर रहे हैं. उनके जीवन का कोई सबूत नहीं मिला है.'
इसके अलावा कासिम ने लिखा, 'ये ब्लैकआउट है, कोई सिक्योरिटी प्रोटोकॉल नहीं है. यह उनकी हालत छिपाने की कोशिश है. अगर उन्हें कुछ होता है तो पाकिस्तानी सरकार और उसके हैंडलर्स को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.'
कासिम ने पूरे मामले में ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन और डेमोक्रेटिक सरकारों से दखल देने की अपील की है.
पत्रकारों और मीडिया पर बहुत अधिक सेंसरशिप
इमरान की बहन ने नोरीन नियाजी ने कहा कि मीडिया पर बहुत ज्यादा सेंसरशिप है. पत्रकारों और मीडिया मालिकों को हिरासत में लिया जा रहा है. चुप रहने के लिए धमकाया जा रहा है. कई जाने-माने पत्रकार देश छोड़कर भाग गए हैं. उन्होंने पाकिस्तान के शासन की तुलना हिटलर से करते हुए कहा कि हम हिटलर के बारे में सुनते और पढ़ते थे, पाकिस्तान में भी यही हो रहा है. साथ ही उन्होंने चुनाव में शहबाज शरीफ पर धांधली का आरोप लगाया है.