बांग्लादेश में एक ओर जहां कट्टरपंथी इस्लामी समूहों की बेकाबू हिंसा अराजकता की ओर बढ़ रही है, वहीं इस बीच अगले साल फरवरी महीने में होने वाले चुनावों से पहले एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आ रहा है. दरअसल, बांग्लादेश की मौजूदा राजनीति की सबसे अहम शख्सियतों में से एक की 17 साल बाद देश में वापसी होने जा रही है और वो शख्सियत बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे और राजनीतिक उत्तराधिकारी और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान गुरुवार (25 दिसंबर, 2025) को बांग्लादेश लौटेंगे.

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तारिक रहमान की बांग्लादेश वापसी ऐसे समय पर हो रही है जब देश एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है. दरअसल, अगले साल 2026 के फरवरी महीने में होने वाले आम चुनावों में बीएनपी अभी भी सबसे आगे मानी जा रही है और ऐसे में वह देश को दिशा देने की स्थिति में हो सकती है. इसके अलावा, देश में बिना किसी बड़े उलटफेर के बीएनपी की जीत की संभावनाएं मजबूत मानी जा रही हैं.

यूनुस के विदेश नीति से जुड़े फैसलों पर रहमान ने उठाए सवाल

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देश की मौजूदा हालात को देखते हुए जहां कई लोग बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को खासकर विदेश नीति के मोर्चे पर लापरवाह मानते हैं, वहीं, तारिक रहमान ने बीएनपी की संभावित विदेश नीति को साफ तौर पर सामने रखा है. इस साल मई महीने में BNP चीफ तारिक रहमान ने चुनाव और सुधारों की जरूरत पर जोर देते हुए यूनुस के उस मैंडेट पर सवाल उठाया था, जिसके आधार पर वह देश के दीर्घकालिक विदेश नीति से जुड़े फैसले ले रहे हैं.

बांग्लादेश की फर्स्ट पॉलिसी पर बोले तारिक रहमान

BNP चीफ तारिक रहमान ने स्पष्ट किया कि बांग्लादेश न तो रावलपिंडी और न ही दिल्ली के साथ जरूरत से ज्यादा अपनी करीबी को बढ़ाएगा, बल्कि सबसे पहले बांग्लादेश को ही प्राथमिकता देगा. ढाका के नयापलटन इलाके में एक विशाल रैली के दौरान रहमान ने कहा था कि न दिल्ली, न पिंडी, सबसे पहले बांग्लादेश और उन्होंने अपने समर्थकों से इस नारे को दोहराने की अपील की थी.

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