Donald Trump On Greenland: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ग्रीनलैंड पर अपना कंट्रोल चाहते हैं. चुनाव अभियान के दौरान भी उन्होंने कई बार इस मुद्दे को उठाया था. पिछले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन के बीच फोन पर बात हुई है. 

फोन पर हुई बात पर डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीनलैंड को हासिल करने के अपने इरादे से अवगत करा दिया है. वहीं, डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने जोर देते हुए कहा है कि ग्रीनलैंड बिक्री के लिए नहीं है. 

जानें दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ यूरोपीय अधिकारियों ने बताया है कि ट्रंप और फ्रेडरिक्सन के बीच तीखी बातचीत हुई है. ये बातचीत 45 मिनट तक चली है. रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस ने इस कॉल पर कोई टिप्पणी नहीं की है. वहीं, डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने जोर देते हुए कहा है कि ग्रीनलैंड डेनमार्क किंगडम का एक ऑटोनॉमस हिस्सा है, जो बिक्री के लिए नहीं है, जबकि अमेरिका को इसमें बहुत ज्यादा दिलचस्पी है. 

जानें क्यों है ट्रंप को इस द्वीप पर दिलचस्पी

ग्रीनलैंड में ट्रंप की दिलचस्पी का मूल कारण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इसका रणनीतिक महत्व है. यह द्वीप प्रौद्योगिकी और रक्षा के लिए महत्वपूर्ण खनिजों से समृद्ध है, जिसमें मोबाइल फोन, इलेक्ट्रिक वाहन और हथियारों में इस्तेमाल होने वाले दुर्लभ पृथ्वी तत्व शामिल हैं. इलेक्ट्रिक मार्केट में बढ़ते चीन के प्रभाव को देखते हुए ग्रीनलैंड के भंडार अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण हो गए हैं. 

ग्रीनलैंड, यूरोप और उत्तरी अमेरिका के बीच सबसे छोटे मार्ग पर स्थित है, जो इसे अमेरिकी सेना और इसकी बैलिस्टिक मिसाइल पूर्व चेतावनी प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बनाता है. जैसे-जैसे चीन और रूस आर्कटिक में अपना प्रभाव बढ़ा रहे हैं, अमेरिका इस क्षेत्र में अपना प्रभुत्व बनाए रखना चाहता है.