लाइव इंटरव्यू में हिना रब्बानी की बोलती बंद! आतंकी को बताया 'आम नागरिक', पाकिस्तान की दोहरी नीति बेनकाब
Hina Rabbani Khar on Hafiz Abdur Rauf: हिना रब्बानी खुर को एक इंटरव्यू में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा. उन्होंने एक आतंकवादी को 'आम पाकिस्तानी नागरिक' बताने की कोशिश की.

पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खुर को एक लाइव इंटरव्यू के दौरान उस समय शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा जब उन्हें ऑन-कैमरा फैक्ट-चेक किया गया. मामला उस वक्त का है जब उन्होंने एक वैश्विक आतंकवादी को ‘आम पाकिस्तानी नागरिक’ बताने की कोशिश की.
कहां हुआ यह सब?
कतर के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ चैनल अल जज़ीरा को दिए गए एक इंटरव्यू में हिना रब्बानी खुर भारत के 7 मई को किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' पर पाकिस्तान का पक्ष रख रही थीं. इस ऑपरेशन में भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के कई ठिकानों को निशाना बनाया था.
हिना रब्बानी खुर ने भारत पर लगाए आरोप
इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खुर ने हाफिज अब्दुर रऊफ को लेकर भारत पर आरोप लगाते हुए कहा, "मैं यह पूरी जिम्मेदारी और प्रमाण के साथ कह रही हूं, जो पूरी दुनिया के साथ साझा किया गया है, कि वह व्यक्ति वो नहीं है जिसे भारत बता रहा है. पाकिस्तान में लाखों अब्दुर रऊफ हैं."
हिना खुर ने मारे गए आतंकियों के जनाजे में मौजूद हाफिज अब्दुर रऊफ की वायरल तस्वीर दिखाते हुए यह दावा किया कि भारत गलत शख्स पर आरोप लगा रहा है, लेकिन इंटरव्यू के दौरान ही पत्रकार ने हस्तक्षेप किया और बताया कि पाकिस्तानी सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस तस्वीर को न तो फर्जी बताया, न ही उसका खंडन किया.
पत्रकार ने हिना खुर को तुरंत टोकते हुए कहा, “पाकिस्तानी सेना ने खुद इस व्यक्ति का राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी किया है. वही ID नंबर अमेरिका की प्रतिबंधित सूची में शामिल आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ के नाम पर दर्ज है. यानी यह व्यक्ति वही है जिसे अमेरिका ने आतंकी घोषित किया है.” पत्रकार ने यह भी कहा कि पाकिस्तान सेना इस व्यक्ति का बचाव कर रही है.
हीना ने सफाई में कही ये बात
हिना खुर ने जवाब देने की कोशिश करते हुए कहा, “पाकिस्तानी सेना उस व्यक्ति का बचाव कर रही है जो फोटो में है, न कि उस व्यक्ति का जिसे अमेरिका ने प्रतिबंधित किया है.” इस पर पत्रकार ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि दोनों की पहचान एक ही है, क्योंकि दोनों के ID नंबर एक जैसे हैं.
हाफिज अब्दुर रऊफ की तस्वीर सामने आते ही पाकिस्तानी सेना ने इस पर लीपापोती की कोशिश की और उसे एक आम नागरिक बता दिया, लेकिन सेना के ही प्रवक्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उसकी असली पहचान उजागर कर दी.
ISPR ने क्या कहा?
पाकिस्तान सेना के ISPR (Inter-Services Public Relations) के महानिदेशक मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने दावा किया कि जनाजे की नमाज पढ़ाने वाला व्यक्ति एक मौलवी है, जो Pakistan Markazi Muslim League (PMML) का सदस्य है और उसके तीन बेटियां और एक बेटा हैं. उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति एक आम पाकिस्तानी नागरिक है, न कि कोई आतंकवादी.
खुद ही खोल दी पोल
इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में DG ISPR ने उस व्यक्ति का Computerised National Identity Card (CNIC) नंबर साझा किया – 35202-5400413-9, साथ ही उसका जन्मतिथि 25 मार्च 1973 और निवास लाहौर बताया.
यही विवरण अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों की सूची में शामिल हाफिज अब्दुर रऊफ से पूरी तरह मेल खाता है. रऊफ 1999 से लश्कर-ए-तैयबा की वरिष्ठ लीडरशिप में शामिल रहा है और Falah-i-Insaniat Foundation का प्रमुख भी है जो कि अमेरिका की “Specially Designated Nationals and Blocked Persons List” में नामित है.
अमेरिका ने कब किया था प्रतिबंधित?
हाफिज अब्दुर रऊफ को अमेरिका ने 2010 में आतंकवाद के वित्तपोषण और आतंकी नेटवर्क से जुड़ाव के चलते प्रतिबंधित किया था. उस पर लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंड इकट्ठा करने, भर्तियां करने और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के गंभीर आरोप हैं.
पाकिस्तान की दोहरी नीति फिर उजागर
DG ISPR द्वारा दी गई जानकारी से यह स्पष्ट हो गया कि पाकिस्तान आतंकी को बचाने के लिए झूठ का सहारा ले रहा है, लेकिन उसके ही आधिकारिक बयान ने सच सामने ला दिया. यह पूरी घटना पाकिस्तानी संस्थानों की दोहरी रणनीति को उजागर करती है. एक ओर वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का दावा और दूसरी ओर प्रतिबंधित आतंकियों का खुला समर्थन.
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Source: IOCL
























