Ethiopia News: अफ्रीकी देश इथियोपिया की सेना ने शुक्रवार को बताया कि उत्तरी अमहारा क्षेत्र में दो दिनों तक चली झड़पों में उसके सैनिकों ने फानो सशस्त्र समूह के 300 से अधिक लड़ाकों को मार गिराया है. इस घटना के बाद क्षेत्र में बड़े पैमाने पर युद्ध छिड़ने की आशंका बढ़ गई है.
फानो मिलिशिया ने इथियोपिया और इरिट्रिया की सेनाओं के साथ दो साल तक चले गृहयुद्ध में हिस्सा लिया था. इस संघर्ष में अदीस अबाबा का सामना टिग्रे पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (TPLF) से हुआ, जो उत्तरी टिग्रे क्षेत्र पर नियंत्रण रखता है. तब से इथियोपिया और इरिट्रिया के बीच मतभेद गहराते जा रहे हैं.
बढ़ गई युद्ध की आशंका
हाल के हफ्तों में बढ़ती हिंसा ने इथियोपिया और इरिट्रिया के बीच एक नए युद्ध की आशंका को जन्म दिया है. मौजूदा तनाव को देखते हुए इरिट्रिया ने कथित तौर पर देशभर में सैन्य लामबंदी का आदेश दिया है, जबकि इथियोपिया ने भी अपनी सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है. इथियोपियाई सेना और फानो मिलिशिया के बीच संघर्ष जुलाई 2023 में शुरू हुआ था, जो 2022 के शांति समझौते की शर्तों को लेकर अमहारा समुदाय में व्याप्त अविश्वास की भावना से प्रेरित था.
इथियोपियाई सेना का बयान
इथियोपियाई सेना ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा, 'खुद को फानो कहने वाले चरमपंथी समूह ने 'ऑपरेशन यूनिटी' के नाम से अमहारा क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में हमले किए. अब इस चरमपंथी समूह को खत्म कर दिया गया है.' सेना के अनुसार, इस अभियान में 317 फानो लड़ाके मारे गए और 125 घायल हुए. सेना ने यह भी कहा कि वह इस चरमपंथी समूह के खिलाफ हमले जारी रखेगी और इसके पूर्ण उन्मूलन तक पीछे नहीं हटेगी.
दावों को खारिज किया
वोलो बेते-अमहारा में अमहारा फानो के प्रवक्ता अबेबे फंताहुन ने इथियोपियाई सेना के दावे को खारिज कर दिया. उन्होंने शुक्रवार देर रात कहा कि इथियोपियाई सेना उनके 30 लड़ाकों को भी नहीं मार पाई है. वहीं, अमहारा क्षेत्र के गोंडार में फानो के प्रवक्ता योहानेस निगुसु ने दावा किया कि लड़ाई में 602 इथियोपियाई सैनिक मारे गए, 430 घायल हुए और 98 सैनिकों को पकड़ लिया गया, जबकि मिलिशिया ने बड़ी मात्रा में हथियार भी जब्त किए हैं.
मृतकों की संख्या पर संदेह
अबेबे फंताहुन ने राष्ट्रीय सेना के इस दावे को झूठ करार दिया कि ब्रिगेडियर जनरल मिगबे हैले, जो टीपीएलएफ से जुड़े एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी हैं, ने फानो के ऑपरेशन यूनिटी का समर्थन किया था. उन्होंने मिलिशिया से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया. हालांकि लड़ाई में हताहतों की संख्या की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है. सेना के प्रवक्ता गेटनेट एडाने और संघीय सरकार के प्रवक्ता लेगेसी तुलु ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की.