यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली की बैठक से अलग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सिर्फ 36 सेकेंड की मुलाकात हुई है, जिसकी चर्चा पूरे पाकिस्तान में हो रही है. इस मीटिंग का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें शहबाज शरीफ और पाक विदेश मंत्री इशाक डार ट्रंप से हाथ मिलाते और कुछ बात करते दिख रहे हैं. हालांकि, वीडियो से ही समझ आ रहा है कि यह एक अनौपचारिक मीटिंग है, जो मुस्लिम देशों से मुलाकात के दौरान हुई, लेकिन पाकिस्तान इसे लेकर बहुत खुश है और उनको ऐसा लगता है कि अमेरिका के साथ उनके ताल्लुकात बहुत बेहतर हो गए हैं.

Continues below advertisement

पाकिस्तान को लग रहा है कि वह अमेरिका का करीबी बन गया है. हालांकि, एक पाकिस्तानी एक्सपर्ट ने आशंका जताई है कि ये स्थिति कभी भी बदल सकती है. जो अमेरिका आज प्यार मोहब्बत दिखा रहा है, वो कभी भी पलट सकता है इसलिए पाकिस्तान को ट्रंप की तारीफें करते रहना चाहिए.

भारत बदल सकता है अपनी फॉरेन पॉलिसी, बोले पाक एक्सपर्टपाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा का कहना है कि हो सकता है कि भारत अपनी विदेश नीति में बदलाव कर ले और वैश्विक स्तर या कह सकते हैं कि अमेरिका के साथ उसके रिश्ते फिर से सुधर जाएं. कमर चीमा ने कहा कि भारत के साथ ग्लोबल लेवल पर चीजें फिर से बदल सकती हैं. अगर उसने अपनी फॉरेन पॉलिसी चेंज की तो इंटरनेशनल लेवल पर उसकी स्थिति फिर से बदल सकती हैं और पाकिस्तान फिर पुरानी स्थिति में खड़ा नजर आए.

Continues below advertisement

पाकिस्तानी एक्सपर्ट ने कहा है कि अब देखते हैं कि कितने समय तक पाकिस्तान के साथ ये मोहब्बत और प्यार की डींगें चलती हैं, लेकिन पाकिस्तान ने एक चीज बहुत अच्छी की कि उसने ट्रंप को नोबेल पीस प्राइज के लिए नॉमिनेट किया. अब दुनिया कह रही है. अजरबैजान भी कह रहा है, अर्मेनिया भी कह रहा है. उन्होंने अपनी सरकार को सलाह दी है कि ट्रंप की तारीफें करो.

पाकिस्तान को आइसोलेट न करें, कमर चीमा ने कहाकमर चीमा को ऐसा भी लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र भारत के साथ अपने पड़ोसी मुल्कों को भी लीड कर सकते हैं. उन्होंने कहा, 'मैं आज भी पीएम मोदी से कहूंगा कि आप इस खित्ते (भूभाग) को लीड करें आप बड़ा मुल्क हैं. आप बहुत कुछ कर सकते हैं, लेकिन अगर आप पाकिस्तान को लेकर कहते रहेंगे कि पाकिस्तान को खत्म करना है तो स्थिति आपके सामने है.' 

कमर चीमा ने कहा, 'पाकिस्तान जो ग्लोबल लेवल पर आइसोलेट हुआ है, वो अपनी वजहों से हुआ है. उस वक्त पाकिस्तान की लीडरशिप ही ऐसी थी. वो सोचती थी कि जंग को न बढ़ाओ क्योंकि हमारे पास पैसा नहीं है, हमारे पास तेल नहीं है. तो 2025 में तेल कहां से आ गया. इंडियंस कहते हैं कि पाकिस्तान को इकोनॉमिकली मारा जाए क्योंकि उनके पास पैसे नहीं होंगे तो फौज के पास रिसोर्सेज कहां से आएंगे, लेकिन हमें क्या करना है कि हमारी फौज ही तो है जो हमें सारा कुछ देती है. अगर फौज भी कमजोर हो गई तो हम तो फिर गए.'