'ऐसा लगता है, वे मरना चाहते हैं', इजरायल-हमास जंग पर डोनाल्ड ट्रंप ने क्यों कही ये बात?
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि गाजा में अब हमास सौदा नहीं करना चाहता क्योंकि उसके पास अब बंधक कम बचे हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि अब हमास नेताओं को ढूंढा जाएगा.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि गाजा में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई को लेकर हमास अब कोई सौदा नहीं करना चाहता. उन्होंने कहा कि अब केवल कुछ ही बंधक बचे हैं, जिससे हमास के पास सौदेबाजी के लिए कोई ठोस कारण नहीं बचा है.
'आखिरी बंधकों के बाद क्या होगा, हमास जानता है'
वॉशिंगटन में स्कॉटलैंड रवाना होने से पहले ट्रंप ने मीडिया से कहा, 'अब हम अंतिम बंधकों तक पहुंच गए हैं और हमास को पता है कि इसके बाद क्या होने वाला है. इसी कारण उन्होंने कोई समझौता नहीं किया.'ट्रंप ने यह भी कहा कि अब हमास के नेताओं को 'शिकार की तरह ढूंढा जाएगा.' यानी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है.
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों की पहल को नकारा
जब उनसे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा फिलीस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने पर सवाल किया गया, तो ट्रंप ने कहा कि इस फैसले का कोई खास महत्व नहीं है. हालांकि उन्होंने मैक्रों को 'एक अच्छा इंसान' बताया.
अमेरिकी मध्य-पूर्व शांति प्रयासों में विराम
ट्रंप के इस बयान से एक दिन पहले उनके मध्य-पूर्व शांति दूत स्टीव विटकॉफ ने कहा था कि हमास के नए प्रस्ताव के बाद अमेरिका ने अपनी वार्ताकार टीम को वापस बुला लिया है और अब टीम से दोबारा सलाह-मशविरा किया जाएगा.
इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू क्या बोले
गाजा में संघर्ष विराम वार्ता से इजरायल और अमेरिका के पीछे हटने के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को कहा कि अब वे बंधकों को वापस लाने के लिए "विकल्पों पर विचार" कर रहे हैं.
फ्रांस के कदम के बाद यूरोपीय नेताओं की आपात बातचीत
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा फिलीस्तीन को मान्यता देने के ऐलान के बाद ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के नेता शुक्रवार को गाजा में बढ़ते भुखमरी संकट पर आपात बातचीत करेंगे.
फिलिस्तीन को मान्यता पर तीनों देशों की स्थिति
तीनों देश सैद्धांतिक रूप से फिलिस्तीनी राज्य का समर्थन करते हैं, लेकिन जर्मनी ने स्पष्ट किया है कि वह फिलहाल फ्रांस जैसा कदम नहीं उठाएगा. वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने फिलीस्तीनी राज्य को "उनका अटूट अधिकार" बताया, लेकिन अभी औपचारिक घोषणा नहीं की है.
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Source: IOCL
























