नई दिल्ली/वॉशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप का चुनावी कैंपेन वादों से भरा हुआ था जिसमें अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर को दीवार के सहारे बांटने जैसे चकित करने वाले भी वादे शामिल थे. साल 2014 में भारत में भी चुनावी कैंपेन के दौरान कालेधन की वापसी और हर परिवार को 15 लाख रुपए देने जैसे वादे किए गए थे. इस तरह दिल्ली विधानसभा के चुनावों में फ्री वाई-फाई का सपना बेचा गया था. ट्रंप ने भी अपने चुनावी कैंपेन के दौरान लोकलुभावन वादों की झड़ी लगाई, लेकिन पद संभालने के पहले दिन ही उन्होंने करीब 30 वादों से पल्ला झाड़ लिया.


बताते चलें कि ट्रंप के वादों में कुल 663 वादे शामिल रहे, बताया जा रहा है कि इनमें से 30 से अधिक वादे उन्होंने पहले दिन दरकिनार कर दिए. दरअसल उन्होंने पहले दिन 36 कामों को शुरू करने का वादा किया था जिसमें से महज़ दो कामों की शुरुआत हुई है. बताया जा रहा है कि उन्होंने अपने 30 से ज़्यादा वादे या तो तोड़ दिए हैं या फिल्हाल के लिए उन्हें किनारे कर दिया है.

जिन दो वादों पर उन्होंने काम शुरू किया है उनमें ओबामाकेयर का रिव्यू और वर्कफोर्स कम करने के लिए नियुक्तियों पर फिलहाल रोक लगाने का भी फैसला लिया गया है. जिन कामों को पहले दिन शुरू नहीं किया गया उनमें ओबामा की अप्रवासी नीति और ऑफिस संभालते ही 20 लाख अपराधियों को देश से बाहर निकालने जैसे वादे भी शामिल हैं. वादों पर ख़रा नहीं उतरने के मामले में देश चाहे कोई भी हो नेताओं का रुख एक जैसा ही नज़र आता है.