रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में यूक्रेन में अस्थाई प्रशासन के गठन का प्रस्ताव रखा है, जो कि कई राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का विषय बन गया है. पुतिन का यह बयान उस समय आया जब वह रूस के उत्तर में स्थित मरमंस्क बंदरगाह से संबोधित कर रहे थे. पुतिन ने कहा कि 'यूक्रेन में एक अस्थाई प्रशासन का गठन किया जा सकता है, जो संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और यूरोपीय देशों के नियंत्रण में होगा.' 

यह बयान सीधे तौर पर यूक्रेन के वर्तमान राष्ट्रपति वलोडिमीर जेलेंस्की के खिलाफ था, जिनके कार्यकाल को लेकर रूस का कहना है कि अब वह युद्धविराम वार्ता के लिए वैध भागीदार नहीं हैं. रूस का आरोप है कि जेलेंस्की अमेरिकी और यूरोपीय देशों के प्रभाव में हैं और उनके द्वारा युद्धविराम की कोई भी पहल सिर्फ पश्चिमी शक्तियों के हितों को ध्यान में रखकर की जाती है. 

युद्ध खत्म करने की नई रणनीति

रूस का यह कदम यूक्रेन में लंबे समय से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए एक नई रणनीति के रूप में देखा जा सकता है, जिसमें वे जेलेंस्की को सत्ता से हटाना चाहते हैं. पुतिन ने इस संबंध में यह भी कहा कि वे उत्तर कोरिया जैसे अन्य देशों के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं, ताकि युद्ध को समाप्त किया जा सके.

यह प्रस्ताव ला सकता है महत्वपूर्ण मोड़

यूक्रेन में युद्धविराम की चर्चा के बीच पुतिन का यह प्रस्ताव एक महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है. यूक्रेनी संसद ने 2024 में एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसके तहत जेलेंस्की का कार्यकाल युद्ध जारी रहने तक बढ़ा दिया गया था. इस स्थिति को देखते हुए पुतिन का कहना है कि जब तक चुनाव नहीं होते, तब तक एक अस्थाई प्रशासन स्थापित किया जा सकता है, जिसे रूस और उसके सहयोगी देशों का समर्थन प्राप्त हो.

क्या पुतिन का यह कदम यूक्रेन के लिए एक नए संकट की शुरुआत हो सकता है? इस सवाल का जवाब समय ही देगा. हालांकि, पुतिन का यह बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि रूस यूक्रेन युद्ध में अपने रणनीतिक लक्ष्यों को लेकर पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरा हुआ है और वह किसी भी स्थिति में अपने इरादों से पीछे नहीं हटने वाला है. इस समय, यूक्रेन की राजनीतिक स्थिति और युद्धविराम की संभावनाएं एक नाजुक मोड़ पर हैं, और पुतिन का यह प्रस्ताव आगामी दिनों में अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और युद्ध के भविष्य को प्रभावित कर सकता है.