नागालैंड से सटी म्यांमार सीमा में उग्रवादी कैंप पर हुई ड्रोन स्ट्राइक की खबरों के बीच, भारत के डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (डीआईए) चीफ लेफ्टिनेंट जनरल श्रंजय प्रताप सिंह आधिकारिक दौरे पर नाएप्यीडॉ (म्यांमार की राजधानी) पहुंचे हैं. इस दौरान डीआईए चीफ ने म्यांमार सेना के उप-प्रमुख से मुलाकात कर बॉर्डर पर शांति, स्थिरता और रूल ऑफ लॉ पर खासतौर से चर्चा की.
खास बात ये है कि भले ही उल्फा और दूसरे उग्रवादी संगठन लगातार भारत पर ड्रोन स्ट्राइक का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन भारतीय सेना ने ऐसे किसी हमले की आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है. शनिवार (19 जुलाई, 2025) को भी उत्तर-पूर्वी राज्यों के उग्रवादी संगठनों ने ड्रोन स्ट्राइक में तबाह हुए अपने कैंप और कमांडरों के शवों के वीडियो जारी किए हैं.
भारत और म्यांमार सीमा की सुरक्षा पर चर्चा
जानकारी के मुताबिक, डीआईए चीफ ने नाएप्यीडॉ में म्यांमार की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के वाइस चेयरमैन और डिप्टी कमांडर इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल सोए विन से मुलाकात की. चर्चा का मुख्य उद्देश्य भारत और म्यांमार सीमा की सुरक्षा से जुड़ा था, क्योंकि पिछले कुछ सालों में उल्फा (आई), एनएससीएन (आई) और पीएलए जैसे उग्रवादी संगठनों ने भारत से सटे म्यांमार सीमा क्षेत्र में अपने कैंप बना लिए हैं.
ऐसे में नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मिजोरम में कानून-व्यवस्था बिगड़ने की संभावना बनी रहती है. म्यांमार में जुंटा (मिलिट्री) शासन की पकड़ लगातार ढीली पड़ रही है. ऐसे में अराकन, सान और सायांग जैसे प्रांतों में विद्रोहियों का बोलबाला है. जुंटा का शासन राजधानी नाएप्यीडॉ के आसपास तक सिमट कर रह गया है. ऐसे में निकट भविष्य में भारत-विरोधी उग्रवादी संगठनों के उत्तर-पूर्व राज्यों में सक्रिय होने की आशंका बनी रहती है.
म्यांमार भूकंप बचाव कार्य में भारत की भूमिका पर भी चर्चा
ले.जनरल सिंह ने म्यांमार के डिप्टी कमांडिंग इन चीफ से, दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने और मित्रवर संबंध मजबूत करने पर जोर दिया. साथ ही हाल ही में म्यांमार में आए भूकंप के बाद राहत और बचाव कार्यों में भारत की भूमिका पर भी चर्चा हुई.
डीआईए चीफ ने मुलाकात के दौरान म्यांमार में मल्टी पार्टी लोकतांत्रिक चुनाव को लेकर भी चर्चा की. साल 2021 में सेना ने म्यांमार की चुनी हुई सरकार का तख्तापलट कर जुंटा (मिलिट्री) शासन स्थापित कर लिया था.
ऑपरेशनल व सुरक्षा संबंधी तैयारियों की समीक्षा
इस बीच भारतीय सेना की पूर्वी कमान (कोलकाता) के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आर सी तिवारी ने दीमापुर (नागालैंड) स्थित स्पियर कोर के मुख्यालय का दौरा किया. स्पियर कोर (3 कोर) की जिम्मेदारी म्यांमार से सटे इलाकों की है. लेफ्टिनेंट जनरल तिवारी ने दौरे के दौरान ऑपरेशनल व सुरक्षा संबंधी तैयारियों की समीक्षा की. आर्मी कमांडर ने युद्ध क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से विकसित किए गए नए पीढ़ी के सैन्य उपकरणों का जायजा भी लिया. 13 जुलाई को जिस ड्रोन स्ट्राइक को लेकर उत्तर-पूर्व के उग्रवादी संगठन आरोप लगा रहे हैं, वो भी नागालैंड से सटे म्यांमार के क्षेत्र में ही हुई थी. ले.जनरल तिवारी ने सैनिकों की सैन्य क्षमता, समर्पण, उच्च मनोबल और उभरती चुनौतियों का निपुणता से सामना करने के लिए फॉर्मेशन की सराहना की.
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