रूस-यूक्रेन जंग रोकने का नाम नहीं ले रही है और दूसरी तरफ युद्ध-पिपासु हैकर्स, इस आग को यूरोप तक फैलाने की साजिश रच रहे हैं. कुछ ऐसा ही हुआ जब चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री पीटर फियालिया के एक्स अकाउंट में सेंध लगाकर हैकर्स ने रूसी सेना के हमले की खबर फैला दी. हैकर्स ने कैलनिग्राद से सटे इलाके में चेक गणराज्य के सैनिकों पर हमले की झूठी खबर फैला दी.

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रूसी सेना के हमले की खबर पूरे यूरोप में फैल गई

जब तक चेक गणराज्य की तरफ से एक्स अकाउंट हैक करने की सफाई दी गई, तब तक रूसी सेना के हमले की खबर पूरे यूरोप में फैल गई. बाल्टिक सागर के तट पर कैलनिग्राद, रूस का एक एन्क्लेव है, जो पौलेंड, बेलारूस और लिथुआनिया जैसे देशों से घिरा है. यहां बड़ी संख्या में रूसी सेना की तैनाती रहती है. यूक्रेन जंग के चलते पौलेंड और लिथुआनिया से रूस की अदावत चल रही है. यूरोप के दूसरे देशों को भी रूस से जंग का खतरा सता रहा है.

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हैकर्स ने रूसी सैनिकों के हमले की खबर पोस्ट की

अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध-विराम कराने की कोशिशों में जुटे हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों में जंग की आग तेज हो गई है. रूस ने यूक्रेन के बॉर्डर को पार कर सीमावर्ती सुमी प्रांत के गांव में कब्जा कर लिया है. रूस ने भी यूक्रेन पर ऊर्जा संयंत्रों पर हमले का आरोप लगाया है. खास बात ये है कि चेक गणराज्य की सीमा कैलनिग्राद से नहीं सटी है. इसके बावजूद हैकर्स ने रूसी सैनिकों के चेक सैनिकों पर हमले की खबर पोस्ट कर दी. ये पोस्ट चेक भाषा में पोस्ट की गई थी.

प्रधानमंत्री के अकाउंट हैक हुआ- चेक गणराज्य

चेक गणराज्य के प्रवक्ता ने खबर का खंडन किया और प्रधानमंत्री के अकाउंट हैक होने की जानकारी दी. इसके तुरंत बाद ही अकाउंट से पोस्ट भी हटा दी गई. दूसरे यूरोपीय (और नाटो) देशों की तरह ही चेक गणराज्य ने भी रूस के खिलाफ यूक्रेन को टैंक, तोप और गोला-बारूद से मदद की है. यही वजह है कि चेक गणराज्य की भी रूस से अदावत है. हैकर्स ने चेक गणराज्य के पीएम से रूस के हमले की पोस्ट के साथ ही अमेरिका के टैरिफ को लेकर भी एक पोस्ट की थी, उसे भी हटा लिया गया है.