Coronavirus: संक्रमण को काबू करने के लिए श्रीलंका ने पश्चिमी प्रांत के दो शहरों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू का ऐलान किया है. अधिकारियों के मुताबिक, करीब छह महीने के अंतराल के बाद रविवार को कोरोना की जांच में एक महिला पॉजिटिव पाई गई है. जिसके बाद सरकार ने दिवुलापिटिया और मिनवानगोडा में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाने का फैसला किया.
कोरोना का प्रसार रोकने के लिए श्रीलंका में कर्फ्यू
श्रीलंका में अब तक कोरोना संक्रमण के 3 हजार 396 मामले दर्ज किए गए हैं. जबकि बीमारी से 13 लोगों की मौत हो गई है. आंकड़ों के मुताबिक संक्रमण से अब तक 3 हजार 258 मरीज ठीक भी हो गए हैं. कोविड-19 टास्क फोर्स के प्रमुख और आर्मी कमांडर शैवेंद्र सिल्वा ने कहा, “कपड़ों की फैक्ट्री में काम करनेवाली दिवुलापिटिया निवासी महिला को बुखार के बाद गमपहा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उसे कोरोना की जांच में पॉजिटिव पाया गया. उसके बाद सुरक्षात्मक उपाय के तहत फैक्ट्री और अस्पताल के करीब 50 लोगों को होम क्वारंटाइन के लिए भेज दिया गया.”
महिला के पॉजिटिव होने के बाद 50 क्वारंटाइन में
अधिकारियों का कहना है कि हो सकता है अप्रैल से पहली बार ये सामुदायिक संक्रमण का मामला हो. उन्होंने बताया कि हाल में सामने आए संक्रमण का मामला विदेश से लौटे लोगों की वजह से हो सकता हो. इससे पहले श्रीलंका की सरकार ने 28 जून को पूरी तरह कर्फ्यू हटा लिया था. इस दौरान दो महीने तक कोई भी नया सामुदायिक संक्रमण का मामला सामने नहीं आया. श्रीलंका 20 मार्च से ही लॉकडाउन के घने पहरे में रहा.
शुरू में राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू के बाद मुल्क के दो तिहाई हिस्सों को छूट दी गई. सिर्फ रात में कर्फ्यू जारी रहा. सरकार ने आंशिक तौर पर दफ्तरों और कारोबार को मध्य मई से ही खोले जाने की इजाजत दे दी. जून के शुरू से पाबंदियों में और ज्यादा ढील देने का सिलसिला जारी रहा. सार्वजनिक परिवहन से भी सख्ती हटा ली गई. इसके अलावा सरकार ने कर्फ्यू में ढील को बढ़ाकर रात 11 बजे से सुबह 4 बजे तक कर दिया.
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