पेरिसः दुनियाभर में कोरेना वायरस से निपटने को लेकर कड़े कदम उठा रही करीब 50 देशों की सरकारों ने लोगों को अपने घरों में ही रहने को कहा. इससे करीब एक अरब लोगों को घरों में रहने को मजबूर होना पड़ा है. सोमवार को एएफपी के आंकड़ों में यह बात सामने आई है.
कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर कई देशों ने जहां अनिवार्य तौर पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किए हैं, वहीं कुछ देशों ने अपने नागरिकों को घरों में ही रहने की सलाह दी है. कम से कम 34 देशों ने प्रतिबंध लागू करते हुए लोगों को अनिवार्य रूप से घरों में ही रहने को कहा है, जिसके चलते करीब 65.9 करोड़ लोग इस दायरे में हैं.
इनमें फ्रांस, इटली, अर्जेंटीना, अमेरिका का कैलिफोर्निया राज्य, इराक और रवांडा शामिल हैं. इस कड़ी में यूनान ने शामिल होते हुए सोमवार सुबह से लोगों को अनिवार्य रूप से घरों में रहने को कहा है. कोलंबिया भी आज से बाध्यकारी लॉकडाउन लागू करेगा जबकि न्यूजीलैंड बुधवार से इसको शुरू करने जा रहा है.
अधिकतर जगहों पर अब भी घरों से बाहर निकलकर काम पर जाने और जरूरी अथवा चिकित्सीय मदद के लिए निकलने की अनुमति है. वहीं, संयुक्त रूप से मिलाकर 22.8 करोड़ की आबादी वाले ईरान, जर्मनी और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों से अपील कि है कि वे घरों में ही रहें और अन्य लोगों से कम से कम मिलें.
इसके अलावा, कुल 11.7 करोड़ की संयुक्त आबादी वाले दस देशों ने तो कर्फ्यू लगाने के साथ ही रात में भी यात्रा पर रोक लगा दी है. ऐसे कदम बुर्किना फासो, चिली, फिलीपीन की राजधानी मनीला और सर्बिया जैसे देशों ने उठाए हैं जबकि सऊदी अरब में भी सोमवार शाम से कर्फ्यू लगाया जा चुका है.
इसके अलावा कुछ और देशों ने एहतियाती कदम के तौर पर मुख्य शहरों में अलग रहने या क्वारंटाइन के उपायों को लागू किया है.
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