Durand Line: अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा (Afghanistan- Pakistan Border) बनाने वाली डूरंड रेखा पर बाड़ लगाने को लेकर काबुल और इस्लामाबाद में फिर से विवाद छिड़ गया है और दोनों पक्ष अपनी-अपनी जिद पर अड़े हैं. तालिबान सीमा बल के कमांडर मौलवी सनाउल्लाह संगीन ने बुधवार को कसम खाई कि इस्लामिक अमीरात ब्रिटिश काल के विवादित सीमा पर बाड़ लगाने की अनुमति नहीं देगा.


एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए संगिन ने कहा, "हम सीमा पर बाड़ लगाने की अनुमति कभी नहीं देंगे, हम इसे अब और नहीं होने देंगे." संगिन की टिप्पणी पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के उस बयान की प्रतिक्रिया में आई है, जिसमें कहा गया था कि डूरंड रेखा विवाद को राजनयिक माध्यमों से सुलझाया जाएगा.


साथ ही, बुधवार को पाकिस्तान इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक, मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने जोर देकर कहा कि बाड़ लगाने की परियोजना योजना के अनुसार जारी रहेगी. इफ्तिखार ने रावलपिंडी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बाड़ लगाने में सैनिकों का खून बहा था.


व्यापार बढ़ाने के लिए किया जा रहा है बाड़ का निर्माण


उन्होंने तर्क दिया कि दोनों पक्षों के लोगों की रक्षा और पड़ोसियों के बीच व्यापार को विनियमित करने के प्रयास में बाड़ का निर्माण किया जा रहा था. इफ्तिखार ने कहा, "सुरक्षा और व्यापार को विनियमित करने के लिए बाड़ की जरूरत है. इसका उद्देश्य लोगों को विभाजित करना नहीं है, बल्कि उनकी रक्षा करना है." उन्होंने कहा, डूरंड लाइन पर बाड़ लगाने का काम 94 प्रतिशत पूरा हो गया है, हम ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और जो काम चल रहा है, वह कुछ समय में पूरा हो जाएगा. 


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