अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के H-1B वीजा नियमों में किए बदलावों पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर का रिएक्शन सामने आया है. थरूर ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के H-1B वीजा आवेदनों पर 1,00,000 डॉलर की फीस लगाने का फैसला पूरी तरह अमेरिका की घरेलू राजनीति से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि ट्रंप अपनी एंटी-इमिग्रेशन कदमों के लिए समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं और यह कदम MAGA समर्थकों को खुश करने के लिए उठाया गया है.
कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘यह फैसला मूल रूप से घरेलू राजनीति से प्रेरित है. ट्रंप का यह मानना है और उनके आसपास के लोगों का भी यह कहना है कि आसान H-1B वीजा व्यवस्था के कारण कई अमेरिकी, जिन्हें उन्हीं कंपनियों से अधिक वेतन मिलना चाहिए था, उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है और उनकी जगह भारतीय ले रहे हैं, जो कम वेतन पर काम करने को तैयार हो जाते हैं.’
US की राजनीतिक ताकतें प्रवासियों के खिलाफ: थरूर
शशि थरूर ने इस फैसले को अमेरिका की मौजूदा राजनीतिक स्थिति से जोड़ा. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ‘आज जो राजनीतिक ताकतें ‘MAGA आंदोलन’ का हिस्सा है, वे खुलकर प्रवासियों के खिलाफ हैं, खासकर उन प्रवासियों के जो दिखने में अलग हों, जिनकी त्वचा का रंग अलग हो और जो श्वेत नस्लीय धारा का हिस्सा न माने जाएं. ट्रंप समर्थकों की नजर में भारतीय पेशेवर अमेरिकी कर्मचारियों की जगह ले रहे हैं, क्योंकि वे औसत अमेरिकी मजदूर की तुलना में कम वेतन पर काम कर लेते हैं.’
भारतीय प्रोफेशनल 60 हजार डॉलर पर करता है काम: थरूर
शशि थरूर ने कहा, ‘एक भारतीय टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल, जो सालाना 60 हजार डॉलर पर काम करता है, ट्रंप समर्थकों के अनुसार उस अमेरिकी की नौकरी छीन रहा है जो 85 या 90 हजार डॉलर से कम पर काम करने को तैयार ही नहीं होगा.’
उन्होंने कहा, ‘वीजा याचिकाओं पर इतनी बड़ी फीस लगाने का मकसद निचले और मध्य-स्तर की नौकरियों को अव्यवहारिक बनाना है. इससे सिर्फ उच्च स्तर के वास्तव में आकर्षक शीर्ष लोग ही आएंगे, जिन पर कंपनी के लिए एक लाख डॉलर खर्च करना सार्थक होगा.’
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