दक्षिण–पूर्वी कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एक दर्दनाक हादसे ने सबको झकझोर कर रख दिया. लुआलाबा प्रांत की एक कोबाल्ट खदान में 15 नवंबर को अस्थायी लकड़ी का पुल टूट गया, जिससे भीतर काम कर रहे वाइल्डकैट यानी अवैध रूप से काम करने वाले लोग बड़ी संख्या में नीचे गिर गए. यह हादसा इतना भयानक था कि खदान के भीतर कई शव दिखाई भी नहीं दे रहे थे.
अधिकारियों के अनुसार 32 लाश निकाले जा चुके हैं और बचाव दल लगातार और लोगों की तलाश में लगा है. बारिश के कारण खदान पहले से ही पानी में डूबी हुई थी, ऐसे में मलबे में फंसे खनिकों को निकालना काफी मुश्किल हो रहा है. प्रांतीय गृह मंत्री रॉय कौम्बा मायोंडे ने कहा कि मौतों का आंकड़ा और बढ़ सकता है क्योंकि कई लोगों का अब भी पता नहीं चल सका है.
प्रतिबंध के बावजूद खदान में घुस गए थे हजारों अवैध खनिक
भारी बारिश के बाद जमीन खिसकने और बाढ़ का खतरा बढ़ गया था, इसलिए प्रशासन ने खदान में प्रवेश पर अस्थायी रोक लगाई थी. इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग खदान में उतर गए. पानी से भरी खाई पर बने लकड़ी के पुल पर अचानक भीड़ बढ़ गई और दबाव झेल न पाने के कारण पुल बीच से टूट गया. अचानक हुए हादसे में लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए और कई लोगों की मौत हो गई. स्थानीय अधिकारियों के अनुसार मौके पर अफरा–तफरी का माहौल था और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई.
चीन समर्थित कंपनी से चल रहा पुराना टकराव
सरकारी एजेंसी SAEMAPE ने बताया कि यह खदान लंबे समय से अवैध खनिकों और वहां काम कर रही चीन समर्थित कंपनी के बीच तनाव का केंद्र रही है. खदान के आस-पास तैनात सैनिकों की मौजूदगी से अवैध खनिक अक्सर डरते हैं और कई बार विरोध प्रदर्शन भी करते हैं. हादसे वाले दिन भी सैनिकों को करीब देखकर खनिकों में बेचैनी बढ़ गई थी, जिससे भीड़ अचानक पुल पर एक साथ चढ़ गई.
तस्वीरों ने उजागर की भयावह स्थिति
वीडियो और तस्वीरों में घटना की भयावहता साफ दिखी. खनिकों को पानी भरे गड्ढे से शव बाहर निकालते देखा गया, जबकि पास की जमीन पर कई डेड बॉडी जमीन पर पड़े दिखाई दिए. तस्वीरों से ये भी पता चला कि खदान में लगभग दस हजार वाइल्डकैट खनिक बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के काम कर रहे थे.
कोबाल्ट उत्पादन का केंद्र, लेकिन विवादों से घिरा उद्योग
कांगो आज दुनिया का सबसे बड़ा कोबाल्ट उत्पादक देश है और अकेले वैश्विक उत्पादन का लगभग सत्तर प्रतिशत हिस्सा यहीं से निकलता है. इलेक्ट्रिक वाहनों, मोबाइल फोनों और लैपटॉप की बैटरियों में कोबाल्ट अहम भूमिका निभाता है, इसलिए इसकी वैश्विक मांग तेज़ है.
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