Chinese Cities Sinking : एक नई रिपोर्ट ने चीन और वहां के लोगों को चिंता में डाल दिया है. जिसमें बताया गया कि जमीन धंसने के कारण चीन की शहरी आबादी का एक तिहाई हिस्सा खतरे में है. शोधकर्ताओं का मानना है कि यह एक वैश्विक घटना का संकेत है, क्योंकि समुद्र तल से नीचे चीन का शहरी क्षेत्र 2120 तक 3 गुना हो सकता है, जिससे 55 से 128 मिलियन लोग प्रभावित होंगे.


सैटेलाइट डेटा की रिपोर्ट के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने 700 मिलियन लोगों वाले शंघाई और बीजिंग समेत 82 शहरों का अध्ययन किया. यूके के ईस्ट एंग्लिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि चीन की 45% शहरी भूमि प्रति वर्ष 3 मिलीमीटर से अधिक तेजी से डूब रही है, जबकि 16% भूमि प्रति वर्ष 10 मिलीमीटर से अधिक की दर से डूब रही है. बीजिंग और तियानजिन तो हॉटस्पॉट बने हुए हैं. जरनल साइंस की रिपोर्ट में छपे एक लेख के मुताबिक, 270 मिलियन शहरी लोग इससे प्रभावित हो सकते है. इनमें से करीब 70 मिलियन लोग प्रति वर्ष 10 मिलीमीटर या उससे अधिक की तेजी से जमीन धंसने का अनुभव भी कर रहे हैं.


उठाने होंगे बड़े कदम
रिपोर्ट में बताया गया कि अधिक भूजल की निकासी, शहरी इमारतों और बुनियादी ढांचे के बढ़ते वजन के कारण ऐसा हो रहा है. भूमि धंसने से जलवायु परिवर्तन और समुद्र के स्तर में वृद्धि भी हो सकती है, जिससे तियानजिन समेत कई तटीय शहर प्रभावित होंगे. समुद्र के नीचे चीन का शहरी क्षेत्र 2120 तक तीन गुना हो सकता है, जिससे 55 से 128 मिलियन लोग प्रभावित होंगे. यह एक विनाशकारी हो सकता है. चीन का सबसे बड़ा शहर शंघाई पिछली सदी में 3 मीटर तक नीचे धंसा हुआ पाया गया. शोधकर्ताओं का कहना है कि चीन में ये हालात सिर्फ कुछ शहरों तक सीमित नहीं हैं. लगभग सभी राज्‍यों में स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ रही है, जिसके लिए राष्‍ट्रीय स्‍तर पर कदम उठाने की जरूरत है.


जमीन धंसने के ये हैं बड़े कारण


चीन में जमीन धंसने की बड़ी वजह भी बताई गई है. तमाम शहरों में जमीन से इतना पानी निकाला जाता है कि उसे रीफिल होने का वक्त ही नहीं मिलता. जलवायु परिवर्तन के चलते सूखे ने हालात बिगाड़ दिए हैं. जमीन धंसने का एक कारण शहरों का बढ़ता बोझ भी है. वजन से मिट्टी प्राकृतिक रूप से संकुचित हो सकती है. भारी इमारतों से भी जमीन पर दबाव पड़ता है. इसलिए यह परेशानी आ रही है. 


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