China Xi Jinping Third Term: सीसीपी (Chinese Communist Party) की बैठक में शी जिनपिंग (Xi Jinping) को लगातार तीसरी बार पार्टी का महासचिव नियुक्त कर दिया गया है. शी जिनपिंग एक बार फिर चीन की सत्ता पर काबिज हो गए. इसी के साथ उनकी शक्तियां और ज्यादा बढ़ गई हैं. अब शी जिनपिंग की ताजपोशी के बाद भारत पर इसका असर पड़ने के पूरे आसार दिखाई दे रहे हैं. हो सकता है कि आने वाले दिनों में एलएसी पर तनाव एक बार फिर बढ़ जाए.
जिनपिंग की इंडिया पॉलिसी बदलेगी?
शी जिनपिंग अपने तीसरे कार्यकाल में इंडिया पॉलिसी (Xi Jinping India Policy) को बदलेंगे या वैसे ही रखेंगे, ये सवाल एशियाई देशों के लिए बहुत मायने रखता है. वैसे जिस तरह जिनपिंग ने पार्टी कांग्रेस की मीटिंग में गलवान कांड का वीडियो दिखाकर माहौल बनाया, उससे तो यही कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले कुछ दिनों में LAC पर फिर से तनाव बढ़ सकता है.
भारत पर भी पड़ेगा असर?
चीन की गद्दी पर कोई भी बैठे, चीन पर हुकूमत कोई करे, ये उसके घर का मामला है, लेकिन पड़ोसी के घर में लगी आग किसी के लिए अच्छी नहीं होती. भारत के साथ भी यही है. चीन ने फिर से सत्ता पाने के लिए देश में विरोध की आवाज को कुचल कर रख दिया है. ऐसे में सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल का असर सिर्फ चीन तक नहीं रहने वाला. ये भारत पर भी असर डाल सकता है.
चीन क्या कर सकता है?
वैसे तो चीन की पॉलिसी भारत के लिए कभी अच्छी नहीं रही, लेकिन जिनपिंग इस मामले में कुख्यात हैं. उनके हाथ में असीमित शक्ति होने का मतलब ये है कि भारत-चीन के बीच चार हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबे बॉर्डर पर टकराव बढ़ सकता है. जिनपिंग BRI और पाकिस्तान में कॉरिडोर को बढ़ावा देंगे और यह भारत के हितों के खिलाफ है. श्रीलंका पर दबाव बनाकर चीन भारत को तीन तरफ से घेरने की कोशिश भी कर सकता है. इसी के साथ हिंद प्रशांत क्षेत्र में द्वीपों पर कब्जा कर चीन भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बढ़ा सकता है.
भारत हर खतरे के लिए तैयार
चीन चाहे लाख चुनौतियां बढ़ाए. भारत हर खतरे से निपटने के लिए तैयार है. सवाल तो जिनपिंग का है. चीन में आजीवन सत्ता का इंतजाम वो बेशक कर चुके हैं. अपने साढ़े सात लाख से ज्यादा विरोधियों को जेल में ठूंस चुके हैं, लेकिन अवाम में उनके खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है और इतिहास गवाह है जब जब अवाम का गुस्सा फूटा है तब तब तानाशाहों की गद्दी धूल में मिली है.
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