दुनिया में केवल अमेरिका, रूस, फ्रांस, भारत और चीन ऐसे देश हैं, जिनके पास न्यूक्लियर ट्रायड की क्षमता है. इसका मतलब है कि ये देश जमीन, पानी और आसमान तीनों माध्यमों से परमाणु हमला कर सकते हैं. 3 सितंबर को बीजिंग में आयोजित विक्ट्री परेड में चीन ने इस विनाशक हथियारों का प्रदर्शन किया.
चीन आधिकारिक तौर पर नो फर्स्ट यूज नीति अपनाता है, यानी वह पहले परमाणु हमला नहीं करेगा. हालांकि, उसकी नई मिसाइल और दूसरे हथियारों का प्रदर्शन दुनिया के लिए क्लियर मैसेज था कि चीन अब किसी भी चुनौती का जवाब देने में सक्षम है.
JL-1 एयर-लॉन्च्ड लॉन्ग-रेंज मिसाइलचीन की विक्ट्री परेड में सबसे ज्यादा चर्चा JL-1 एयर-लॉन्च्ड लॉन्ग-रेंज मिसाइल ने बटोरी. यह पहली बार था, जब चीन ने इस मिसाइल को सार्वजनिक रूप से दुनिया को दिखाया. इसे बॉम्बर्स से लॉन्च किया जा सकता है. इसके लॉन्च करने का ठिकाना और समय का अनुमान लगाना लगभग असंभव है. सबसे खास बात ये है कि दुश्मन की एंटी-मिसाइल सिस्टम भी इसे नहीं रोक सकती है. चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि एयर-बेस्ड परमाणु मिसाइल तेज प्रतिक्रिया देने में सक्षम होते हैं और इन्हें सबसे भरोसेमंद सेकेंड स्ट्राइक फोर्स माना जाता है.
JL-3 सबमरीन-लॉन्च्ड इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइलचीन ने अपनी नेक्स्ट-जेनरेशन JL-3 मिसाइल का भी प्रदर्शन किया, जो JL-2 का एडवांस वर्जन है. इसकी मारक क्षमता 10,000 किलोमीटर से अधिक है. ये चीन के तटीय इलाकों से भी लॉन्च की जा सकती है, जो दुनिया के लगभग हर कोने तक पहुंच सकती है. इन पनडुब्बियों को खुले पानी में जाने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे उनकी सुरक्षा और बचे रहने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है. इसका मतलब है कि चीन अपनी परमाणु-संचालित पनडुब्बियां तटीय इलाकों से इस्तेमाल कर सकती है और अमेरिका जैसे देशों को निशाना बना सकती है.
DF-61 और DF-31BJ जमीन से लॉन्च होने वाले विनाशक हथियारचीन ने परेड में DF-61 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का प्रदर्शन किया. ये उसके नई रणनीतिक शक्ति का अहम हिस्सा माना जा रहा है. यह लंबी दूरी तक तेज और सटीक वार कर सकती है. इसे तत्काल लॉन्च करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे दुश्मन को प्रतिक्रिया देने का समय नहीं मिलता. इसके साथ ही DF-31BJ मिसाइल भी प्रदर्शित की गई. यह पहले से मौजूद DF-31 सीरीज का एडवांस वर्जन है, जिसे दुश्मन की एंटी-मिसाइल डिफेंस को भेदने के लिए और अधिक सक्षम बनाया गया है.
सच हुआ अमेरिका का डर?अमेरिकी सेना और हथियार नियंत्रण विशेषज्ञों ने कुछ महीने पहले ही एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि चीन अपनी पारंपरिक सैन्य शक्ति के साथ-साथ परमाणु शक्तियों को तेजी से बढ़ाने का काम कर रहा है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सेना ने आशंका जताई थी कि चीन जमीन, हवा और समुद्र तीनों माध्यमों से लॉन्च किए जा सकने वाले परमाणु हथियारों पर विशेष ध्यान दे रहा है. हालांकि, अब अमेरिका डर सच साबित होता दिख रहा है, क्योंकि चीन ने विक्ट्री परेड में जिन हथियारों का प्रदर्शन किया है, वह अमेरिका के लिए खतरे की घंटी साबित हुई है.
चीन अब पूर्ण न्यूक्लियर ट्रायड शक्तिJL-1, JL-3, DF-61 और DF-31BJ जैसे हथियारों के प्रदर्शन से चीन ने दुनिया को साफ संकेत दे दिया है कि अब वह एक पूर्ण न्यूक्लियर ट्रायड पावर बन चुका है. चीनी सैन्य विशेषज्ञ झांग जुनशे ने कहा कि एयर लॉन्चिंग मिसाइल की शुरुआत का मतलब है कि चीन दुनिया के उन कुछ देशों में से एक बन गया है, जिनके पास न्यूक्लियर ट्रायड क्षमता है. इस परेड के दौरान पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर की मौजूदगी भी चर्चा में रही, जो अक्सर भारत को परमाणु हमले की धमकी देते रहते हैं.