China Saudi Arabia Relation : सऊदी अरब अपना 'नियोम' प्रॉजेक्ट पूरा करने के लिए पैसों की किल्लत से जूझ रहा है. फंडिंग उठाने के लिए सऊदी ने कई देशों में रोड शो भी किया. पिछले सप्ताह नियोम के अधिकारियों ने बीजिंग, शंघाई और हॉन्गकॉन्ग का दौरा किया. इससे पहले नियोम सियोल, टोक्यो, सिंगापुर, न्यू यॉर्क सिटी, बॉस्टन, वॉशिंगटन डीसी, मायामी, लॉस एंजलिस, सैन फ्रांसिस्को, पेरिस और लंदन भी पहुंचा था, लेकिन कहीं से अभी फंडिंग को लेकर आश्वासन नहीं मिल रहा है. दरअसल, सऊदी एक आधुनिक शहर बसाना चाहता है.


एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक,फंडिंग को लेकर सऊदी को प्रॉजेक्ट के बारे में भी जानकारी देनी पड़ रही है, जिसकी वजह से नियोम का रहस्य सामने आने लगा. यह टिप्पणी हॉन्गकॉन्ग इनोवेटिव टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट असोसिएशन के अध्यक्ष लियोनार्ड चैन ने की. उन्होंने बताया कि इस नई सिटी में मैं कभी नहीं जाना चाहूंगा. उन्होंने कहा कि मैं मौजमस्ती के लिए वहां जाउंगा, लेकिन में वहां रहूंगा नहीं . 


शहर का आकार किया छोटा, बॉन्ड के जरिए जुटाएगा फंड
शुरुआत में द लाइन शहर को 168 किमी लंबा बनना था, लेकिन अब रिपोर्ट आई है कि इसकी लंबाई ढाई किलोमीटर कर दी गई है. नियोम के अधिकारियों ने शहर के आकार को कम करने पर कोई टिप्पणी नहीं की है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में बताया गया कि सऊदी अरब ने द लाइन में रहने वाले लोगों की संख्या के अनुमान को काफी कम कर दिया है. पहले यहां 2030 तक 15 लाख लोगों के रहने का अनुमान था, जो अब 300,000 से भी कम हो गया है. एएफपी के अनुसार, नियोम के कार्यकारी निदेशक तारेक कद्दूमी ने कहा कि 90 लाख की आबादी का लक्ष्य समय पर हासिल कर लिया जाएगा. सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान 2030 तक इस प्रॉजेक्ट को बनाना चाहते हैं, लेकिन पैसे की कमी के कारण चिंताएं आ रही हैं. ब्लूमबर्ग के मुताबिक, नियोम अब बॉन्ड जारी कर 1.3 अरब डॉलर जुटाएगा.